नीतीश सरकार ने तेज प्रताप यादव को दिया नया घर, अब नहीं रहेंगे परिवार के साथ
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नई दिल्ली। बिहार में जिस तरह से लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपनी पत्नी ऐश्वर्या को तलाक देने की बात कही उसके बाद से वह लगातार चर्चा में हैं। तेज प्रताप की उनके परिवार के बीच बढ़ती दूरी की खबर के बाद तेज प्रताप ने कहा था कि वह अब बेघर हैं। ऐसे में बिहार सरकार ने तेज प्रताप को सरकारी बंगला आवंटित किया है। दरअसल तेज प्रताप ने अपनी पत्नी को तलाक देने की याचिका दायर की थी और उसके बाद उन्होंने अपनी मां राबड़ी देवी के साथ सरकारी घर में रहने से इनकार कर दिया था।
मां के साथ रहने से इनकार
तेज प्रताप यादव ने मुख्यंमंत्री नीतीश कुमार को फोन करके उनसे सरकारी बंगला आवंटित करने की अपील की थी। ऐसे में जब तेज प्रताप यादव की लिखित अपील मंत्रालय के पास पहुंची तो तेज की अपील को मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया और उन्हें सरकारी बंगला आवंटित कर दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हस्तक्षेप के बाद विभाग की ओर से तेज को यह बंगला आवंटित किया गया है। अपने पिता लालू प्रसाद यादव से मुलाकात करने से पहले तेज प्रताप ने नीतीश कुमार को फोन करके अपनी समस्या बताई थी। उन्होंने कहा था कि वह भाजपा को हराने के अपने मिशन पर ध्यान केंद्रित करना चाहते थे, लेकिन अब खुद रहने की जगह को लेकर जूझ रहे हैं।
नीतीश कुमार से बयान किया दर्द
नीतीश कुमार को फोन करके तेज प्रताप ने कहा था कि उनके तेजस्वी यादव के पास भी अपने अलग सरकारी बंगला है। प्रदेश में गठबंधन की सरकार के दौरान जब तेज प्रताप मंत्री थे तो उन्हें भी बतौर मंत्री सरकारी बंगला आवंटित किया गया था। इस बीच यह बात भी सामने आई है कि तेज प्रताप ने अपने परिवार के दबाव में झुकने से इनकार कर दिया है। उन्होंने घर लौटने के लिए शर्त रखी है कि जबतक घर से तीन लोगों को घर से बाहर नहीं किया जाता है वह वापस नहीं आएंगे। मौजूदा समय में तेज वाराणसी, वृंदावन और मथुरा में अपना समय बिता रहे हैं।
छह महीने के भीतर तकरार
आपको बता दें कि अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय को तलाक देने की याचिका दायर करने के बाद तेज प्रताप ने कहा था कि वह उनके साथ घुट-घुटकर नहीं रह सकते हैं। तेज प्रताप और ऐश्वर्या की शादी इसी वर्ष 12 मई को पटना में हुई थी, लेकिन 6 महीने के भीतर ही तेज प्रताप ने तलाक की अर्जी दायर कर दी है। इस बीच तेज प्रताप को मनाने की परिवार की ओर से तमाम कोशिशें की गई, लेकिन बावजूद इसके तेज प्रताप अपने फैसले पर कायम हैं।
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