इन 7 मामलों में सुषमा स्वराज हमेशा रहीं First, कोई नहीं तोड़ पाया ये रिकॉर्ड
नई दिल्ली। देश की पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का मंगलवार देर शाम दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। हार्ट अटैक के बाद सुषमा स्वराज को एम्स लाया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। सुषमा स्वराज का राजनीतिक जीवन गैरविवादित और उपलब्धियों से भरा रहा। मोदी सरकार में वो अकेली मंत्री थीं, जो ट्विटर पर ही लोगों की समस्याओं पर तुरंत एक्शन लेती थीं। भारतीय राजनीति में एक सशक्त महिला और एक प्रखर वक्ता के रूप में उनके राजनीतिक विरोधी भी उनकी तारीफ करते थे। सुषमा स्वराज ने अपने राजनीतिक जीवन में ऐसे सात रिकॉर्ड कायम किए, जिन्हें कोई दूसरा शायद ही बना सके।

ये हैं सुषमा स्वराज के सात रिकॉर्ड
1:- सुषमा स्वराज 1977 में, महज 25 साल की उम्र में हरियाणा के मंत्रिमंडल में देश की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री के तौर पर शामिल हुईं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
2:- 1979 में सुषमा स्वराज हरियाणा जनता पार्टी की अध्यक्ष के रूप में चुनी गईं। इस तरह वो हरियाणा की पहली महिला पार्टी प्रमुख बनीं।
3:- सुषमा स्वराज ने 1996 में केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री रहते हुए पहली बार लोकसभा से सदन की कार्यवाही के सीधे प्रसारण की शुरुआत की।
4:- सुषमा स्वराज 13 अक्टूबर 1998 से 3 दिसंबर 1998 तक दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री रहीं। हालांकि उनका कार्यकाल बेहद कम रहा।
5:- सुषमा स्वराज भारतीय जनता पार्टी से मुख्यमंत्री बनने वालीं पहली महिला थीं। सुषमा के बाद भाजपा नेता उमा भारती, वसुंधरा राजे और आनंदीबेन पटेल ने महिला मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला।
6:- भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता के रूप में सुषमा स्वराज किसी राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता के तौर पर चुनी गईं।
7:- 2009 में सुषमा स्वराज संसद में पहली महिला नेता प्रतिपक्ष बनीं। नेता प्रतिपक्ष रहते हुए संसद में उनके दिए गए वक्तव्य आज तक याद किए जाते हैं।
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जब सुषमा ने कहा, 'खुदकुशी के बारे में नहीं सोचते'
आपको बता दें कि सुषमा स्वराज राजनीतिक जीवन में सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहती थीं। कई बार ऐसे मौके आए जब लोगों ने ट्विटर के जरिए अपनी समस्याएं उन्हें बताईं और सुषमा स्वराज ने एक आगे बढ़कर लोगों की सहायता की। ऐसा ही मौका उस वक्त आया, जब रियाद में फंसे एक भारतीय ने सुषमा स्वराज को ट्वीट कर खुद के फंसे होने की खबर दी और सुषमा ने तुरंत रिप्लाई करते हुए उसे हिम्मत दी। दरअसल मदद ना मिलने पर उसने सुसाइड करने की बात कही थी। इस पर सुषमा स्वराज ने फौरन प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया- 'खुदकुशी के बारे में नहीं सोचते, हम हैं न। हमारा दूतावास आपकी पूरी मदद करेगा। सुषमा स्वराज ने इस ट्वीट में रियाद स्थित भारतीय दूतावास को टैग कर मामले की रिपोर्ट भी मांगी।

'दूसरे मुल्कों में फंसे भारतीयों के लिए बनीं मददगार'
यह केवल एक उदाहरण है, सुषमा स्वराज ने कई मौकों पर सोशल मीडिया के जरिए लोगों की समस्याएं सुनीं और उनका समाधान किया। सुषमा स्वराज के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों की मदद करने वाले उनके इस व्यवहार के लिए उन्हें याद किया। पीएम मोदी ने कहा, 'वो एक शानदार प्रशासक रहीं, सुषमा जी ने जिस भी किसी मंत्रालय का प्रभार संभाला वहां उन्होंने ऊंचे मानडंद स्थापित किए। दूसरे देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई। बतौर मंत्री हमने उनकी दयाभावना को भी बखूबी देखा कि किस तरह से उन्होंने दूसरे मुल्कों में फंसे भारतीयों की मदद की।'

पीएम मोदी बोले, 'सुषमा जी का निधन निजी क्षति'
सुषमा स्वराज के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जाहिर करते हुए कहा, 'भारतीय राजनीति में आज एक महान अध्याय समाप्त हो गया। भारत अपनी उस असाधारण नेता के निधन पर शोक व्यक्त करता है, जिन्होंने अपना जीवन सार्वजनिक सेवा और गरीबों के जीवन को समर्पित किया। सुषमा स्वराज जी करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत थीं।' एक अन्य ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा, 'सुषमा जी का निधन निजी क्षति है। उन्होंने देश के लिए जो किया, उनके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। दुख की इस घड़ी में मेरी सांत्वना उनके परिवार और समर्थकों के साथ है। ओम शांति।'
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