नागपुर: फिर से संघ के सर कार्यवाह चुने गए सुरेश भैया जी जोशी
संघ में सबसे बड़ा पद सरसंघचालक का होता है। जो पद मोहनभागवत के पास है।
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के दूसरे दिन भैया जी जोशी को एक बार फिर से संघ का सर कार्यवाह चुन लिया गया है। पिछले 9 सालों से (तीन-तीन साल के तीन कार्यकाल) भैयाजी जोशी इस पद पर कार्यरत हैं। पहले खबर आई थी की RSS इस मुद्दे पर अभी बंटा दिख रहा है। एक पक्ष भैयाजी जोशी को ही सरकार्यवाह के पद पर बनाए रखना चाहता है जबकि दूसरा पक्ष दत्तात्रेय होसबोले को सरकार्यवाह बनाना चाहता है। हालांकि अंतिम फैसला भैया जी जोशी के पक्ष में आया एक बार फिर से उनको तीन साल के लिए सर कार्यवाह बनाया गया है।
आरएसएस की नागपुर में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में तीन हजार प्रचारकों के बीच सुरेश भैयाजी को एक बार फिर सरकार्यवाह चुन लिया गया। अब भैयाजी मार्च 2021 तक इस पद पर रहेंगे। सरकार्यवाहक के तौर पर उनकी भूमिका संगठन में सलाहकार की होगी। सरकार्यवाह को महासचिव भी बोलते हैं।
जानिए
संघ
में
सरकार्यवाह
की
भूमिका
क्या
होती
है?
संघ
में
सबसे
बड़ा
पद
सरसंघचालक
का
होता
है।
जो
पद
मोहनभागवत
के
पास
है।
सरसंघचालक
मार्गदर्शक
और
पथप्रदर्शक
का
काम
संभालता
है।
लेकिन
वो
संघ
की
रोज
की
गतिविधियों
में
ज्यादा
एक्टिव
नहीं
होता
है।
इसके
बाद
दूसरा
नंबर
सरकार्यवाह
का
होता
है।
जिसके
साथ
चार
सह-सरकार्यवाह
रहते
हैं।
सरकार्यवाह
के
पास
संगठन
के
कामों
की
असल
जिम्मेदारी
होती
है।
सरकार्यवाह
की
जिम्मेदारी
हमेशा
आरएसएस
के
बैकग्राउंड
से
आने
वाले
लोगों
को
ही
सौंपा
जाता
रहा
है।
यही
वजह
है
कि
संघ
में
ही
दत्तात्रेय
को
सरकार्यवाह
बनाने
का
एक
धड़ा
विरोध
कर
रहा
है।
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