सुप्रीम कोर्ट को दो और जज मिलेंगे, CJI के नेतृत्व वाले कॉलेजियम ने भेजी सिफारिश
नई दिल्ली, 05 मई: भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए गुवाहाटी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सुधांशु धूलिया और गुजरात हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस जमशेद बुर्जोर परदीवाला की सिफारिश की है। ऐसे में सर्वोच्च अदालत को अब दो और जज मिलने वाले हैं।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दो नए जजों के नामों की सिफारिश की है। केंद्र सरकार को इन नामों की सिफारिश भेजी गई है। ऐसे में चीफ जस्टिस सुधांशु धूलिया और गुजरात हाईकोर्ट के जज जमशेद बी परदीवाला को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया जाना तय है। भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना के नेतृत्व वाले कॉलेजियम ने गुरुवार को दो हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों की पदोन्नति की सिफारिश की थी। लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष अदालत में वर्तमान में 34 की स्वीकृत पॉवर के साथ दो पद खाली हैं। हालांकि, कुछ न्यायाधीश जल्द ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
Supreme Court Collegium led by Chief Justice of India NV Ramana has recommended Gauhati High Court Chief Justice Sudhanshu Dhulia and Gujarat High Court judge, Justice Jamshed Burjor Pardiwala, for appointment as top court judges. pic.twitter.com/I6LXcGY6mW
— ANI (@ANI) May 5, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जस्टिस धूलिया उत्तराखंड हाईकोर्ट से पदोन्नत होने वाले दूसरे जज होंगे, जबकि जस्टिस पारदीवाला सुप्रीम कोर्ट में चौथे पारसी जज होंगे। बता दें कि दोनों जजों का चीफ जस्टिस के रूप में लगभग 2 साल 3 महीने का कार्यकाल होगा। गौरतलब है कि पांच साल के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के जज की पदोन्नति हो रही है। साल 2017 फरवरी में जज एस अब्दुल नजीर को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था।
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जानिए जरूरी बातें
10 अगस्त 1960 को जन्मे जस्टिस धूलिया ने 1983 में आधुनिक इतिहास में मास्टर्स और 1986 में एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। उनको 1 नवंबर 2008 को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। फिर 10 जनवरी 2021 को उन्होंने गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। जस्टिस पारदीवाला का जन्म 12 अगस्त 1965 को मुंबई में हुआ था और उन्होंने 1985 में जेपी आर्ट्स कॉलेज, वलसाड से ग्रेजुएशन किया। फिर 1988 में केएम लॉ कॉलेज, वलसाड से कानून की डिग्री हासिल की। साल 2002 में गुजरात हाई कोर्ट और उसके अधीनस्थ न्यायालयों के लिए स्थायी वकील के रूप में नियुक्त किया गया था और बेंच में उनकी पदोन्नति तक इस पद पर बने रहे। 17 फरवरी, 2011 को उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश बने और 28 जनवरी, 2013 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में पद संभाला।