केरल लव जिहाद केस: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, एनआईए शादी की जांच नहीं कर सकती है
नई दिल्ली। सर्वोच्च अदालत ने केरल की हादिया के लव जिहाद मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि, हादिया बालिग हैं, NIA उनकी शादी की वैधता की जांच नहीं कर सकती। अगर लड़का-लड़की कहते हैं कि उन्होंने शादी की है तो एजेंसी उस पर जांच नहीं कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी को करेगा। इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस केस में चौथी स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल की थी, पिछली सुनवाई के दौरान NIA ने आरोप लगाया था कि अखिला उर्फ हादिया का पति शफी शादी से पहले आतंकी संगठन ISIS के संपर्क में था।
हादिया के पिता के वकील में रघुनाथ ने कहा, 'हम एनआईए से उम्मीद कर रहे हैं कि लड़की को अपनी पढ़ाई जारी रखने की अनुमति देने के लिए एक और रिपोर्ट अदालत पेश करे। हम खुश हैं कि वह सुरक्षित है। देखते हैं आगे क्या होता है।'
आपको बता दें कि पिछले साल केरल की एक अखिला नाम की लड़की ने मुस्लिम धर्म अपनाकर निकाह कर लिया था। जिसके बाद लड़की के पिता ने इस मामले की कोर्ट में गुहार लगाई थी। जिसके बाद केरल के हाईकोर्ट ने इस शादी को रद्द कर दिया था। हादिया के पति शफीं ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल नवंबर में हादिया को तमिलनाडु के सलेम स्थित होम्योपैथिक कॉलेज में अपनी शिक्षा जारी रखने की अनुमति दी थी। अभी तक इस मामले में 30 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट में आधार को संवैधानिक वैधता दिलाने के लिए मंगलवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। इससे पहले 18 जनवरी को याचिकाकर्ताओं के वकील ने आधार मामले पर तीन मुद्दों को सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों वाली संवैधानिक पीठ के सामने उठाया था। सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ताओं के वकील श्याम दिवान ने सर्वोच्च न्यायालय में तीन मुद्दों को उठाया जिसमें प्रक्रिया की अखंडता, जानकारी की अखंडता और मौलिक अधिकारों का व्यापक उल्लंघन शामिल था।