चुनावों में 'रेवड़ियां' बांटने पर SC सख्त, राजनीतिक दलों को रोकने के लिए केंद्र सरकार को दिया ये निर्देश
नई दिल्ली, 26 जुलाई: चुनावों में 'मुफ्त की रेवड़ियां' बांटने के बढ़ते प्रचलन पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सख्त रुख दिखाया है। सर्वोच्च अदालत ने आज इस मामले पर केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि राजनीतिक दलों को रोकने के लिए वह कोई समाधान निकाले। इस मामले में अगली सुनवाई अब 3 अगस्त को होगी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई है कि जो राजनीतिक दल चुनावों के दौरान 'तर्कहीन रेवड़ियां' बांटने का वादा करते हैं, उनका रजिस्ट्रेशन खत्म किया जाए और उनका चुनाव चिन्ह जब्त कर लिया जाए। गौरतलब है कि 'मुफ्त की रेवड़ियों' पर हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चिंता जता चुके हैं।
चुनावों में मुफ्त की 'रेवड़ियां' बांटने पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि चुनावों के दौरान 'मुफ्त की रेवड़ियां' बांटने का वादा करने से राजनीतिक दलों को रोकने के लिए कोई समाधान निकाले। अदालत इस मामले पर 3 अगस्त को आगे की सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें मांग की गई है कि चुनावों के दौरान ऐसे 'तर्कहीन वादे' करने वाले राजनीतिक दलों का चुनाव चिन्ह जब्त कर लिया जाए या उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाए। इस मामल में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना की अगुवाई वाली बेंच ने पिछले 25 जनवरी को ही केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था। यह जनहित याचिका बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने डाली थी और ऐसे वादे करने वाले राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
पीएम
मोदी
ने
'रेवड़ी
कल्चर'
पर
उठाए
थे
सवाल
गौरतलब
है
कि
इसी
महीने
बुंदेलखंड
एक्सप्रेसवे
के
उद्घाटन
के
मौके
पर
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
राजनीतिक
दलों
की
ओर
से
चुनावों
के
दौरान
मुफ्त
वादों
को
लेकर
निशाना
साधा
था
और
उसे
रेवड़ी
संस्कृति
बताया
था।
प्रधानमंत्री
ने
रेवड़ी
संस्कृति
को
देश
के
लिए
घातक
कहा
था।
उन्होंने
कहा
कि
इस
संस्कृति
से
देश
को
सावधान
रहना
होगा।
प्रधानमंत्री
ने
कहा
था
कि
रेवड़ी
कल्चर
वाले
लोग
विकास
का
काम
नहीं
करेंगे।
एक्सप्रेसवे,
एयरपोर्ट
या
डिफेंस
कॉरिडोर
नहीं
बनाएंगे।
बल्कि,
मुफ्त
की
रेवड़ी
देकर
उन्हें
लगने
लगता
है
कि
वह
आम
जनता
को
खरीद
चुके
हैं।