रजनीकांत की पत्नी पर चलेगा धोखाधड़ी का केस, SC ने हाईकोर्ट के फैसले को किया निरस्त
नई दिल्ली। अभिनेता-राजनेता रजनीकांत की पत्नी लता रजनीकांत को धोखाधड़ी के मामले में मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि वह विज्ञापन फर्म ब्यूरो के बकाया 6.20 करोड़ रुपये चुकाने में असफल रहीं थी। सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि उसके खिलाफ मुकदमे की जांच की जाएगी और आरोपपत्र दाखिल होने के बाद उन पर मुकदमा चलाया जाएगा। कोर्ट ने उनके खिलाफ बेंगलुरू में दर्ज लगभग 6 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के केस को बहाल कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मुकदमे को रद्द करने का हाई कोर्ट का फैसला गलत था।
पोस्ट प्रोडक्शन के लिए फर्म से 10 करोड़ रुपए का लोन लिया गया था
अदालत ने कहा कि लता उचित मंच पर आरोपमुक्त होने के लिए याचिका दायर कर सकती हैं। यह विवाद 2014 में रजनीकांत और दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म 'कोचादायीयान' पर शुरू हुआ। इस फिल्म में रजनीकांत की बेटी सौंदर्या ने निदेशन में डेब्यू किया था। 125 करोड़ की लागात वाली इस फिल्म के पोस्ट प्रोडक्शन के लिए फर्म से 10 करोड़ रुपए का लोन लिया गया था।
लता की व्यक्तिगत गारंटी पर फिल्म के लिए 10 करोड़ रुपये दिये थे
इस विज्ञापन एजेंसी ने आरोप लगाया था कि वे 2014 में 'कोचादायीयान' के निर्माण के बाद के कारोबार में शामिल हुए थे। इस फिल्म का निर्माण मेसर्स मीडियावन ग्लोबल इंटरटेनमेंट लिमिटेड ने किया था। लता की व्यक्तिगत गारंटी पर उसने इसके लिए 10 करोड़ रुपये दिये थे। वह इस निर्माण कंपनी की एक निदेशक थीं।विज्ञापन एजेंसी का दावा था कि मीडियावन ग्लोबल एंटरटेनमेंट को उसे दस करोड़ रूपए और 1.2 करोड़ रूपए 'गारंटी लाभ' की राशि वापस करनी थी लेकिन यह धन नहीं लौटाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट हुआ नाराज, राहत देने से किया इंकार
निचली अदालत में चल रहे इस मुकदमे को कर्नाटक हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा कि, यह यह मामला धोखाधड़ी का नहीं था बल्कि समझौते का उल्लंघन है। इसके बाद 'ऐड ब्यूरो' सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट में इस साल फरवरी में हुई सुनवाई में लता रजनीकांत ने 6.2 करोड़ रुपए चुकाने का हलफनामा दिया था। पिछले हफ्ते कोर्ट को पता चला कि हलफनामा देने के बावजूद लता ने पैसे नहीं चुकाए हैं। लता की तरफ से पेश नए वकील ने पुराने हलफनामे से मुकरने की भी कोशिश की। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था, आप कोर्ट के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।हमें आपके हलफनामे से मतलब है, जिसका आपने पालन नहीं किया। हम आपको अब कोई राहत नहीं देंगे।