'आजम खान आदतन अपराधी, नहीं मिलनी चाहिए जमानत', वकील की दलील के बाद SC ने फैसला रखा सुरक्षित
नई दिल्ली, 17 मई: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से विधायक आजम खान को फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। आजम खान की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। बता दें, सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि आजम खान आदतन अपराधी हैं और उनको जमानत नहीं मिलनी चाहिए। वहीं, आजम के वकील ने आरोप लगाया कि यूपी सरकार उनके मुवक्किल को राजनीतिक द्वेष का शिकार बना रही है।

यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि वर्ष 2020 में एफआईआर दर्ज हुई थी। दो साल बाद 2022 में आजम का नाम इस एफआईआर में जोड़ा गया। कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में आजम खान का नाम जोड़ने के लिए शिकायतकर्ता को दो साल का समय क्यों लग गया। वहीं, आजम के वकील ने कहा यह एफआईआर तब दर्ज हुई जब आजम जेल में थे। आजम खान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजू ने कहा कि आजम खान का जब बयान दर्ज किया जा रहा था तब उन्होंने जांच अधिकारी को धमकी दी है।
आजम
खान
ने
8
साल
पहले
दिया
था
विवादित
बयान,
सुल्तानपुर
कोर्ट
ने
भेजा
नोटिस
कोर्ट रूम में एएसजी ने आजम खान द्वारा अधिकारियों को दी गई धमकी पढ़ी। उन्होंने बताया, 'आज़म खान ने कहा था कि मैं अभी मरने वाला नहीं हूं। मेरी सरकार आएगी तो एक-एक का बदला लूंगा और तुम्हें भी इस जेल में आना होगा। मेरी सरकार आने दो देखो क्या हाल करता हूं, जिस एसडीएम ने मेरे खिलाफ मुकदमा किया उसको छोडूंगा नहीं, मेरी सरकार आने दो।' सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह धमकी नहीं है, यह तो नेता रोज कहते हैं। वहीं, आजम के वकील कपिल सिब्बल ने कहा आजम खान दो साल से जेल में हैं, उन्हें अब जमानत दे दी जानी चाहिए। इस पर यूपी सरकार ने कहा कि हम आजम खान की न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं।