ट्विटर पर फेक न्यूज से नफरत फैलाने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, केंद्र को जारी हुआ नोटिस
Supreme Court On Twitter: अभिव्यक्ति की आजादी के लिए ट्विटर बेहतरीन जरिया है, लेकिन बहुत से लोग इसका इस्तेमाल नफरत फैलाने के लिए कर रहे हैं, हालांकि सरकार और ट्विटर दोनों उन पर लगाम लगाने में जुटी हुई हैं। इसके बावजूद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया, जहां पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ट्विटर और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जानकारी के मुताबिक बीजेपी नेता विनीत गोयनका ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसमें बताया गया कि ट्विटर पर देश विरोधी और भड़काऊ संदेश तो पोस्ट किए ही जाते हैं, साथ ही इससे संबंधित विज्ञापन भी दिए जाते हैं। याचिकाकर्ता के मुताबिक अभी तक इस तरह के मामले को रोकने के लिए कोई नियम कानून नहीं हैं, ऐसे में कोर्ट सरकार को गाइडलाइन बनाने के आदेश दे। इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
Twitter ने की बातचीत की गुजारिश, सरकार ने Koo ऐप के जरिए दिया अपना जवाब
सरकार
ने
संसद
में
कही
ये
बात
आपको
बता
दें
कि
जब
से
किसान
आंदोलन
चल
रहा
है,
तब
से
लगातार
नए
कृषि
कानूनों
को
लेकर
तरह-तरह
की
बातें
ट्विटर
पर
की
जा
रही
हैं।
हाल
ही
में
बड़ी
संख्या
में
अकाउंट
को
बैन
करने
के
निर्देश
सरकार
ने
ट्विटर
को
दिए
थे।
गुरुवार
को
केंद्रीय
कानून
और
आईटी
मंत्री
रविशंकर
प्रसाद
ने
राज्यसभा
को
बताया
कि
सरकार
फर्जी
खबरें
फैलाने
और
हिंसा
भड़काने
के
लिए
गलत
इस्तेमाल
करने
वाले
सोशल
मीडिया
प्लेटफॉर्म
के
खिलाफ
कार्रवाई
करने
से
नहीं
कतराएगी।
उन्होंने
कहा
कि
हम
सोशल
मीडिया
का
बहुत
सम्मान
करते
हैं,
इसने
आम
लोगों
को
सशक्त
बनाया
है।
डिजिटल
इंडिया
कार्यक्रम
में
सोशल
मीडिया
की
बड़ी
भूमिका
है।
हालांकि,
अगर
फर्जी
समाचार
और
हिंसा
फैलाने
के
लिए
सोशल
मीडिया
का
दुरुपयोग
किया
जाता
है,
तो
कार्रवाई
की
जाएगी।