हरिद्वार 'धर्म संसद' में भाषणों की जांच वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल
नई दिल्ली, 11 जनवरी: उत्तराखंड के हरिद्वार में धर्म संसद नाम के कार्यक्रम में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काऊ भाषणों के मामले की जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार (12 जनवरी) को सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच इस केस को सुनेगी। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने 'धर्म संसद' के भाषणों की स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिका को स्वीकार करते हुए इस पर सुनवाई के लिए सहमति दी थी।
क्या है मामला?
उत्तराखंड के हरिद्वार शहर में 17 से 19 दिसंबर के बीच धर्म संसद नाम का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में कथित तौर हिन्दू स्वाभिमान को लेकर बातें होने का दावा किया गया। इस कार्यक्रम के भाषणों के वीडियो सोशल मीडिया पर आए तो इसको लेकर हंगामा हो गया। इन वीडियो में कार्यक्रम में शामिल लोग धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाने, मुस्लिमों की आबादी कम करने और हिंसा का आह्वान करते नजर आए। इसी को लेकर सु्प्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर स्वतंत्र जांच की मांग की गई है।
यति नरसिंहानंद ने किया था आयोजन!
इस मामले में टीएमसी नेता साकेत गोखले ने हरिद्वार के ज्वालापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उनके मुताबिक, इस धर्म संसद का आयोजन यति नरसिंहानंद ने किया था। कार्यक्रम में हिंदू रक्षा सेना के प्रबोधानंद गिरी, सुरेश चव्हाण, भाजपा महिला विंग से जुड़ी उदिता त्यागी और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय मौजूद थे।
सुप्रीम कोर्ट के वकील लिख चुके चिट्ठी
धर्म संसद के दौरान दिए गए भड़काऊ भाषणों के इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के 76 वकीलों की ओर से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमणा को चिट्ठी लिखी जा चुकी है। इस चिट्ठी में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मामले में संज्ञान लेने को कहा है। चिट्ठी लिखने वाले वकीलों में सलमान खुर्शीद, दुष्यंत दवे, प्रशांत भूषण, वृंदा ग्रोवर के नाम शामिल हैं।
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