'कितने दिनों तक अंदर रखेंगे ?' व्यापम घोटाले के 'व्हीसल ब्लोअर' आनंद राय को सुप्रीम कोर्ट से जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले के व्हीसल ब्लोअर आनंद राय को एक आपराधिक मामले में जमानत दे दी है। वे पिछले साल 15 नवंबर से जेल में बंद थे।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को व्यापम घोटाले के 'व्हीसल ब्लोअर' डॉक्टर आनंद राय को जमानत दे दी। उन्हें एक धरना-प्रदर्शन के दौरान हुई कथित हिंसा के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले ट्रायल कोर्ट और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से उनकी जमानत की याचिका खारिज हो चुकी थी। उनपर मध्य प्रदेश के रतलाम में स्थानीय सांसद, कुछ विधायकों और जिला कलेक्टर के काफिले पर हमला करने वाली भीड़ का हिस्सा होने का आरोप है। घटना पिछले साल 15 नवंबर की बताई जाती है।
व्यापम
घोटाले
के
'व्हीसल
ब्लोअर'
को
सुप्रीम
कोर्ट
से
जमानत
व्यापम
घोटाले
के
व्हीसल
ब्लोअर
माने
जाने
वाले
डॉक्टर
आनंद
राय
को
शुक्रवार
को
सुप्रीम
कोर्ट
से
बड़ी
राहत
मिली
है।
उन्हें
पिछले
साल
15
नवंबर
को
गिरफ्तार
किया
गया
था।
17
नवंबर,
2022
को
ट्रायल
कोर्ट
के
जज
ने
बेल
देने
से
इनकार
कर
दिया
था।
यही
नहीं,
12
दिसंबर,
2022
को
मध्य
प्रदेश
हाई
कोर्ट
ने
भी
एक
आपराधिक
मामले
में
उनकी
जमानत
की
अर्जी
ठुकरा
दी
थी,
इसके
बाद
वे
जमानत
के
लिए
सुप्रीम
कोर्ट
पहुंचे
थे।
सुप्रीम
कोर्ट
में
उनकी
जमानत
की
पैरवी
के
लिए
वरिष्ठ
वकील
सुप्रीम
कोर्ट
पहुंचे
हुए
थे।
'आप
इन्हें
कितने
समय
तक
अंदर
रखेंगे
?'
सुप्रीम
कोर्ट
में
CJI
डीवाई
चंद्रचूड़
और
जस्टिस
पीएस
नरसिम्हा
की
बेंच
ने
राय
की
'हिरासत
की
अवधि
और
केस
के
तथ्य
और
परिस्थितियों'
के
आधार
पर
उन्हें
बेल
दिया
है।
उनकी
जमानत
मंजूर
करते
हुए
सीजेआई
चंद्रचूड़
ने
मध्य
प्रदेश
राज्य
से
पूछा,
'यह
व्यक्ति
नेत्र-विशेषज्ञ
हैं।
वो
कहते
हैं
कि
वे
व्यापम
घोटाले
में
व्हीसल
ब्लोअर
भी
हैं।
आरोप
ये
है
कि
वह
उस
मॉब
का
हिस्सा
थे,
जिसने
कलेक्टर
पर
हमला
किया
था।
आप
इन्हें
कितने
समय
तक
अंदर
रखेंगे
?'
तुषार
मेहता
ने
सिब्बल
के
आरोपों
को
ठुकराया
इसपर
मध्य
प्रदेश
सरकार
की
ओर
से
पेश
होते
हुए
सॉलिसिटर
जनरल
तुषार
मेहता
ने
कहा,
'इस
धारणा
को
दूर
करने
के
लिए,
कथित
तौर
पर
यह
व्हीसल
ब्लो
करने
से
पहले
के
इनके
खिलाफ
4-5
एफआईआर
हैं।
'
इस
दौरान
राय
की
ओर
से
पेश
होते
हुए
वरिष्ठ
वकील
कपिल
सिब्बल
ने
दावा
किया
कि
उन्हें
हिरासत
के
दौरान
एकांत
में
रखा
गया।
इन
आरोपों
को
सॉलिसिटर
जनरल
ने
सिरे
से
खारिज
कर
दिया।
सशर्त
जमानत
मांग
सुप्रीम
कोर्ट
ने
ठुकराई
राय
के
पूर्व
में
सरकार
कर्मचारी
होने
की
बात
कहते
हुए
मेहता
ने
सुप्रीम
कोर्ट
से
अनुरोध
किया
कि
जमानत
देते
हुए
उनपर
यह
शर्त
लगाई
जाए
कि
'वे
इस
तरह
के
धरनों
में
हिस्सा
ना
लें।'
लेकिन,
सुप्रीम
कोर्ट
ने
इस
अनुरोध
को
ठुकरा
दिया।
पिछले
साल
भी
उनका
मामले
सुप्रीम
कोर्ट
पहुंचा
था
पिछले
साल
सुप्रीम
कोर्ट
ने
राय
के
खिलाफ
एससी/एसटी
ऐक्ट
के
तहत
दायर
एक
और
एफआईआर
रद्द
करने
से
इनकार
कर
दिया
था।
उनपर
कथित
रूप
से
फेसबुक
पर
मध्य
प्रदेश
के
मुख्यमंत्री
के
डिप्टी
सेक्रेटरी
लक्षमण
मरकाम
के
खिलाफ
अभद्र
बातें
लिखने
का
आरोप
लगाया
गया
था।
कलेक्टर
के
काफिले
पर
हुआ
था
हमला
मौजूदा
मामले
में
मध्य
प्रदेश
के
रतलाम
जिले
के
विकास
पारगी
ने
राय
और
अन्यों
के
खिलाफ
शिकायत
दर्ज
कराई
थी।
इसके
मुताबिक
प्रदर्शन
के
दौरान
स्थानीय
सांसद,
कुछ
विधायकों
और
कलेक्टर
के
खिलाफ
पत्थरबाजी
की
गई
थी,
जो
आदिवासी
स्वतंत्रता
सेनानी
बिरसा
मुंडा
की
याद
में
आयोजित
कार्यक्रम
में
शामिल
होने
गए
थे।
एफआईआर
के
मुताबिक
कलेक्टर
की
सिक्योरिटी
में
शामिल
एक
व्यक्ति
इसमें
जख्मी
हो
गया
था।
(पीटीआई
इनपुट
के
साथ,
आनंद
राय
की
तस्वीर
सौजन्य-anandrai.in)
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