SC ने 'यूपी, हरियाणा और राजस्थान की लगाई फटकार, कोर्ट ने पूछा ‘कुंभकरण' की तरह सो रहे थे क्या?'
नई दिल्ली। पेट कोक व फर्नेस आयल पर रोक लगाने के मामले में उत्तर प्रदेश, हरियाणा व राजस्थान को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान सरकारें अभी तक 'कुंभकरण' की तरह सो रही थीं और अब वे उनके राज्यों में पेट कोक और फर्नेस आयॅल के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के आदेश देने के बाद 'न्यायालय' के उपर दोष मढ़ रही हैं। आपको बता दें कि इन तीनों राज्यों में भाजपा की सरकार है।
इससे पहले इसी मसले पर अक्टूबर में हुई सुनवाई में तीनों राज्यों ने कहा था कि कोर्ट ने बिना किसी नोटिस के ही आदेश दे दिया था। कोर्ट ने इस पर सख्त ऐतराज जताया। पर्यावरण मंत्रालय की ओर से पेश एडिशनल सॉलीसिटर जनरल एएनएस नादकर्णी ने बताया कि केंद्र ने ऐसा कुछ नहीं कहा है, बल्कि राज्यों ने ऐसा कहा है। इस पर पीठ भड़क गई। पीठ ने कहा कि, वे ऐसा कैसे कह सकते हैं कि ये नोटिस के बगैर हुआ। उन्होंने न्यायालय पर दोष मढ़ने का आरोप लगाना शुरू कर दिया है जबकि वे खुद कुंभकरण की तरह सो रहे थे।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट पर्यावरणविद् एमसी मेहता द्वारा वर्ष 1985 में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है। मेहता ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का मुद्दा उठाया था। केंद्र सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे की जांच-पड़ताल के दौरान कोर्ट ने यह तल्ख टिप्पणी की थी। हालांकि अदालत की तल्ख टिप्पणी पर तीनों राज्यों की तरफ से पेश वकीलों ने भरोसा दिलाया कि वह हलफनामे नए सिरे से जारी करेंगे। बेंच ने उन्हें दो सप्ताह में नया हलफनामा दाखिल करने को कहा है।