सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने गे वकील सौरभ कृपाल को दिल्ली HC जज नियुक्त करने की फिर दोहराई सिफारिश
इस कॉलेजियम में जस्टिस एसके कौल और केएम जोसेफ भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि कृपाल की दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति का प्रस्ताव 5 साल से अधिक समय से लंबित है और इस पर तेजी से कार्रवाई करने की आवश्यकता है
Supreme Court Collegium Saurabh Kripal: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने एक बार फिर दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में सौरभ कृपाल की नियुक्ति के लिए 11 नवंबर 2021 की अपनी सिफारिश को दोहराया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस पर तेजी से काम करने की आवश्यकता है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का कहना है कि सौरभ कृपाल की उम्मीदवारी को अत्यधिक सकारात्मक पहलुओं को देखना चाहिए। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश को दोहराया है।
इस कॉलेजियम में जस्टिस एसके कौल और केएम जोसेफ भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि कृपाल की दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति का प्रस्ताव 5 साल से अधिक समय से लंबित है और इस पर तेजी से कार्रवाई करने की आवश्यकता है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अपनी वेबसाइट पर यह बयान दिया है।
बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल का नाम पिछले कुछ सालों से चर्चा में है। उनका चयन हाईकोर्ट के जज के रूप में होना था, लेकिन 2017 से ये प्रक्रिया रूकी हुई है। इससे पहले उन्होंने केंद्र की मंशा पर सवाल उठाए थे। उन्होंने साफतौर पर कहा था कि उनके समलैंगिक होने की वजह से उनका जज के तौर पर प्रमोशन रुका हुआ है। अगर सौरभ कृपाल की नियुक्त होती है, तो वो देश के पहले समलैंगिक जज होंगे।
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न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में सौरभ कृपाल ने कहा कि मेरी नियुक्त रुकने का कारण मेरा समलैंगिक होना है। मुझे नहीं लगता कि सरकार अनिवार्य रूप से खुले तौर पर समलैंगिक व्यक्ति को बेंच में नियुक्त करना चाहती है। उन्होंने कॉलेजियम सिस्टम पर भी सवाल उठाए थे। कहा कि यही इस सिस्टम के साथ सबसे बड़ी समस्या है। वो ये कभी नहीं बताते कि वे अपना निर्णय क्यों लेते हैं। समस्या ये भी है कि सरकार कानून का पालन नहीं कर रही।
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