BJP से अलग हुए सुब्रमण्यम स्वामी के सुर, कहा-'मैं रोज संसद जाता हूं, तो क्यों ना लूं सैलरी'
नई दिल्ली। एनडीए और बीजेपी के सांसदों द्वारा बजट सत्र की 23 दिनों की सैलरी नहीं लेने के फैसले का उनकी ही पार्टी के एक सांसद ने विरोध किया है। बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है वह अपनी सैलरी और भत्ते लेंगे। स्वामी ने कहा कि मैं रोज़ाना संसद जाता था, अगर सदन नहीं चलता है तो इसमें मेरी गलती नहीं है। मैं सदन में राष्ट्रपति का प्रतिनिधि हूं और जब तक वह ऐसा नहीं कहेंगे, मैं वेतन लेने से इनकार नहीं कर सकता हूं।
आपको बता दें कि बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। शिवसेना ने कहा कि, सदन चलाना सरकार की जिम्मदारी हैं। मेरी पार्टी की ओर से सदन में कोई हंगामा नहीं किया फिर हम क्यों अपना वेतन-भत्ता छोड़ें दें। संसद से जाने के अलावा हम अपने संसदीय क्षेत्र में भी काम करते हैं।
इसे पहले बीजेपी के सासंद और केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने बुधवार को मीडिया को जानकारी दी थी कि, 23 दिनों तक कामकाज न होने की वजह से बीजेपी और एनडीए के सांसदों मे सैलरी नहीं लेने का फैसला किया है। जनप्रतिनिधियों को जो सैलरी मिलती है वो लोगों की सेवा के बदले में होती है। लेकिन जब सदन में कामकाज न हो रहा हो तो सैलरी लेनी किसी भी रूप में नैतिक नहीं है।
कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए अनंत कुमार ने कहा था कि ऐसा उनके अलोकतांत्रिक रवैये की वजह से हुआ कि एक भी दिन संसद में काम नहीं हो सका। कुमार ने कहा कि हम सभी मुद्दों पर बात करने को तैयार थे लेकिन वो सदन को चलने ही नहीं दे रहे थे। अनंत कुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने महत्वपूर्ण बिलों को पारित होने से रोका है। जिससे करदाता के पैसे का 'आपराधिक अपव्यय' हो गया है। बजट सत्र शुक्रवार को खत्म हो जाएगा।