भगवान जगन्नाथ का है 'Kohinoor', ओडिशा के एक संगठन ने की राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग
भगवान जगन्नाथ का है 'Kohinoor', ओडिशा के एक संगठन ने की राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग
नई दिल्ली 13 सितंबर: कोहिनूर हीरा को भारत को लौटाने की मांग के बीच, ओडिशा के श्री जगन्नाथ सेना नाम के संगठन ने बड़ा दावा किया है। संगठन ने दावा किया है कि कोहिनूर हीरा भगवान जगन्नाथ का है। पुरी स्थित जगन्नाथ सेना ने देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर कोहिनूर हीरा वापस लाने के लिए हस्तक्षेप की मांग की है। ताकि, ब्रिटेन से कोहिनूर हीरा को जगन्नाथ मंदिर को वापस कर दे।
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105 कैरेट का कोहिनूर हीरा ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु के बाद उनके बेटे किंग प्रिंस चार्ल्स III राजा बन गए हैं। नियमों के अनुसार, कोहिनूर अब किंग प्रिंस चार्ल्स III की पत्नी डचेस ऑफ कार्नवाल कैमिला के पास जाएगा, जो अब नए राजा की पत्नी हैं। तो वहीं, इस कोहिनूर हीरे पर हिंदुस्तान समेत कम से कम चार देश अपना-अपना दावा करते हैं।
कोहिनूर की वापसी के लिए जगन्नाथ सेना ने देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा, 'कोहिनूर हीरा श्री जगन्नाथ भगवान का है। यह अब इंग्लैंड की रानी के पास है। कृपया हमारे प्रधानमंत्री से अनुरोध है कि इसे भगवान जगन्नाथ के लिए भारत लाने के लिए कदम उठाएं, क्योंकि महाराजा रणजीत सिंह ने इसे भगवान जगन्नाथ को अपनी इच्छा से दान कर दिया था।'
श्री जगन्नाथ सेना के संयोजक प्रिया दर्शन पटनायक के एक दावे के अनुसार, पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह ने हीरा भगवान जगन्नाथ को दान कर दिया था। हालांकि, उन्होंने कहा कि पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह की मृत्यु 1839 में हो जाने के कारण वो हीरे को हैंडओवर नहीं कर सके थे। अंग्रेजों ने कोहिनूर को महाराजा के बेटे दलीप सिंह से 1849 में छीन लिया।
पटनायक ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, "वे जानते थे कि यह पुरी में भगवान जगन्नाथ को विरासत में मिला था।" पटनायक ने कोहिनूर के संबंध में इंग्लैंड की रानी को भी एक पत्र लिखा था। बता कि उन्हें 19 अक्टूबर, 2016 को बकिंघम पैलेस से एक संदेश प्राप्त हुआ, जिसमें उन्हें सीधे यूनाइटेड किंगडम सरकार से अपील करने के लिए कहा गया, क्योंकि प्रधानमंत्री अपने मंत्रियों की सलाह पर काम करते हैं और यह एक गैर-राजनीतिक होता है। उन्होंने कहा कि उस पत्र की एक प्रति राष्ट्रपति को दिए गए ज्ञापन के साथ संलग्न है।