60 कंपनियों के पास हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन बनाने के लिए कच्चे माल की किल्लत, सरकार को लिखा पत्र
नई दिल्ली: देशभर में कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई के बीच एक चिंताजनक खबर सामने आई है। कोरोना के इलाज में सबसे कारगर दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के प्रोडक्शन में कमी आ सकती है। इसके लिए उत्तराखंड के ड्रग कंट्रोलर ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने दवा के उत्पादन में आ रही दिक्कतों का बताया है। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का निर्यात करने वाला भारत प्रमुख देश है। साथ ही दुनिया की आपूर्ति का 70 प्रतिशत उत्पादन करता है।
दरअसल भारत में हर साल बड़ी संख्या में मलेरिया के मामले सामने आते हैं। जिसके चलते यहां हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का दवा का उत्पादन भारी मात्रा में होता है। वहीं पूरे देश में लॉकडाउन के चलते अब इस दवा को बनाने वाली 60 कंपनियों को रॉ मटेरियल नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते दवा का उत्पादन प्रभावित हो रहा है।
मामले में उत्तराखंड ड्रग कंट्रोलर ने बताया कि भारत सरकार की ओर से 60 कंपनियों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के उत्पादन की मंजूरी दी गई है, लेकिन लॉकडाउन और विदेश से आयात रुकने की वजह से रॉ मटेरियल की कमी हो गई है। इस मामले में उन्होंने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को पत्र लिखा है। जैसे ही रॉ मटेरियल आता है, वैसे ही दोबारा से उत्पादन शुरू हो जाएगा।
कोरोना
से
लड़ाई
में
अहम
हथियार
है
क्लोरोक्वीन
अभी
तक
दुनिया
के
किसी
भी
देश
ने
कोरोना
की
वैक्सीन
बनाने
में
सफलता
नहीं
हासिल
की
है।
कोरोना
वायरस
के
मरीजों
का
इलाज
करने
वाले
डॉक्टर्स
के
मुताबिक
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन
कोरोना
से
पीड़ित
कुछ
मरीजों
पर
असर
करती
है।
वहीं
ये
उनके
लिए
भी
लाभकारी
है,
जो
कोरोना
मरीज
की
देखरेख
में
लगे
रहते
हैं।
इस
वजह
से
दुनिया
में
लगातार
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन
की
मांग
बढ़ती
जा
रही
है।
कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी तीन Good news
35
लाख
गोलियां
पहुंची
अमेरिका
कोरोना
वायरस
से
जूझ
रही
पूरी
दुनिया
की
मदद
के
लिए
भारत
ने
मलेरिया
में
इस्तेमाल
की
जाने
वाली
दवाई
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन
के
निर्यात
पर
प्रतिबंध
हटा
दिया
था।
पिछले
हफ्ते
राष्ट्रपति
डोनाल्ड
ट्रम्प
के
अनुरोध
पर
भारत
ने
अमेरिका
में
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन
की
35
लाख
गोलियों
के
निर्यात
को
मंजूरी
दे
दी
थी,
जिसकी
पहली
खेप
अमेरिका
पहुंच
चुकी
है।
वहीं
भारत
ने
अपने
करीबी
दोस्त
इजराइल
को
भी
दवा
निर्यात
करने
को
मंजूरी
दी
थी,
जिसके
बाद
वहां
के
पीएम
नेतन्याहू
ने
पीएम
मोदी
को
शुक्रिया
कहा
था।