70 साल का शख्स गंगा में कूदा, 12 घंटे तक बहने के बाद यूं हुआ चमत्कार
पटना। बिहार के बेगूसराय में बीते सोमवार को एक ऐसी घटना हुई, जिसे सुनने के बाद यकीन करना बड़ा मुश्किल है, लेकिन यह हैरतंगेज घटना एकदम सच्ची है। कहानी कुछ यूं कि बेगूसराय जिले के सिमरिया में एक बुजुर्ग व्यक्ति ने नदी में छलांग लगा थी। 70 वर्ष के शख्स का नाम है- मुन्नी यादव। वह अपनी बहू से बहुत परेशान थे, जब कोई रास्ता नहीं मिला तो उन्होंने जिंदगी की कहानी खत्म करने का फैसला लिया। सोमवार को वह जिंदगी खत्म करने के लिए गंगा में कूद गए, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। मुन्नी यादव 12 घंटे तक गंगा की लहरों में बहते गए, लेकिन डूबे नहीं।
दो बेटे हैं मुन्नी यादव के
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मुन्नी यादव नालंदा जिले के जवाफर जगदीशपुर के रहने वाले हैं। इनके दो बेटे हैं- अवधेश और दिनेश। दोनों बेटों की बहुएं उनके साथ काफी समय से अभ्रदता कर रही थीं। मुन्नी यादव के बेटों ने कई बार हस्तक्षेप किया, लेकिन बहुओं की प्रताड़ना बंद नहीं हुई।
गंगा में कूदने के बाद जाग उठी जीने की चाहत
मुन्नी यादव सोमवार को पटना जिले के उमानाथ गंगाघाट चले गए। शाम को पांच बजे उन्होंने चाय पी। जीने की इच्छा छोड़ चुके मुन्नी यादव ने हारकर मौत को लगाने का फैसला किया और गंगा नदी में छलांग लगा दी। मुन्नी यादव ने बताया कि गंगा में वह कूद तो गए, लेकिन मौत करीब देख उन्हें लगा कि कैसे भी जिंदगी बच जाए। बचपन में मुन्नी यादव तैराकी सीखी थी, लेकिन इस उम्र में तैराकी का वो हुनर उनके काम न आया।
इस तरह बची मुन्नी यादव की जान
बुजुर्ग शख्स ने बताया कि कुछ देर तैराकी के सहारे जिंदगी बचाने की कोशिश करने के बाद उन्हें समझ आ गया कि मौत के मुंह से बाहर निकलना अब उनके बस में नहीं। कुछ देर बाद वह बेहोश हो गए। इसके बाद क्या हुआ, नहीं हुआ उन्हें कुछ याद नहीं। इसके बाद मंगलवार सुबह बेगूसराय के सिमरिया घाट पर कुछ लोगों ने बुजुर्ग को नदी में बहते देखा। गोताखोर अनिल कुमार ने उन्हें नदी से बाहर निकाला। इसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया, जहां दो घंटे बाद उन्हें होश आ गया। मुन्नी यादव करीब 12 घंटे नदी की लहरों में बहते रहे। बुजुर्ग की जीने की चाहत को देखकर शायद गंगा की लहरों ने उन्हें जिंदगी बख्श दी।