शिवसेना बनेगी मोदी सरकार की मुश्किल, नागरिकता कानून बिल के खिलाफ करेगी वोट
नई दिल्ली। संसद में मोदी सरकार के लिए एनडीए के सहयोगी ही लगातार मुश्किल खड़ी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था कि वह संसद में नागरिकता कानून बिल 2016 को पेश करेंगे। पीएम के इस ऐलान के दो दिन बाद शिवसेना ने इस बिल का विरोध करने का फैसला लिया है। इस बिल के खिलाफ ना सिर्फ शिवसेना बल्कि जदयू ने भी मोर्चा खोल दिया है। दोनों ही दलों ने इस बिल के खिलाफ सदन में वोट करने का फैसला लिया है।
पिछले कुछ समय से भाजपा और शिवसेना के बीच तनातनी चल रही है, ऐसे में शिवसेना ने इस बिल का विरोध करने का फैसला लिया है। पार्टी के नेता संजय राउत ने साफ किया है कि असम गण परिषद ने उनसे अपील की है कि वह इस बिल का विरोध करे, जिसके बाद हमने इस बात का फैसला लिया है कि हम इस बिल का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि इस बिल के पास होने से असम के लोगों के सांस्कृतिक, सामाजिक और भाषाई पहचान को बचाने के लिए असम संधि में किए गए प्रयासों को काफी नुकसान पहुंचेगा।
संजय राउत ने कहा कि इस बिल में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए अवैध प्रवासियों को धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं दिए जाने का प्रावधान है, जिसका हम विरोध कर रहे हैं। शिवसेना और जदयू के अलावा टीएमसी, कांग्रेस, माकपा और सपा भी इस बिल का विरोध कर सकती हैं। सूत्रों की मानें तो इन दलों ने जेपीसी में इस बिल का विरोध किया था। आपको बता दें कि अमित शाह ने हाल ही में दिए बयान में साफ कर दिया है कि जो दल चुनाव पूर्व उसके साथ गठबंधन नहीं करेंगे उसे वह करारी शिकस्त देंगे।
इसे भी पढ़ें- अब अमित शाह की शिवसेना को चेतावनी, 'गठबंधन हुआ तो ठीक नहीं तो बुरी तरह हराएंगे'