ट्विटर पर अपने इस गलत ट्वीट के लिए जमकर ट्रोल हुए शिवराज सिंह चौहान
सोशल मीडिया पर अपने गलत ट्वीट को लेकर जमकर ट्रोल हुए शिवराज सिंह, जन्मतिथि को पुण्यतिथि बता डाला।
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को ट्विटर पर अपनी खूब किरकिरी कराई, उन्होंने भारत के तिरंगे की सबसे पहले परिकल्पना करने वाले पिंगली वेंकैया की जयंती को उनकी पुण्यतिथि बताकर शोक व्यक्त कर डाला। हालांकि सोशल मीडिया पर अपनी टांग खिंचवाने के बाद उन्होंने यह ट्वीट सुधार कर जयंती वाली बात लिख दी।
देश भक्ति की ऊंची-ऊंची डींगे छोड़ने वाली भारतीय जनता पार्टी को शिवराज के इस बयान पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है क्योंकि इस बार तो तथ्यों को फेर बदल कर पेश करने से भी काम नहीं चलना था। शिवराज ने पी वेंकैया को एक बहादुर स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्रीय ध्वज तैयार करने वाला कलाकार बताते हुए उनको उनकी पुण्यतिथि के नाम पर स्मरण कर डाला।
गांधी जी ने सफेद रंग का सुझाव दिया था
इसपर वरिष्ठ पत्रकार अभय दुबे ने चुटकी लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री साहब ने जन्म दिन को मरण दिन घोषित कर दिया, क्या इसको लोकतंत्र की भी हत्या माना जाए। ट्विटर पर तमाम लोगों ने शिवराज सिंह की इस ट्वीट पर उनकी खिंचाई की। एक यूजर ने तो शिवराज सिंह से यह तक पूछ डाला की क्या उनका नाम शिवराज से बदलकर शवराज रख दिया जाए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पी वेंकैया को उनकी जयंती पर नमन किया है।
Remembering #PingaliVenkayya on his birth anniversary. He was not only a brave freedom fighter but the artist who gave us our National Flag. pic.twitter.com/XHhGaPZYCL
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 2, 2017
भारत के राष्ट्रीय ध्वज के अभिकल्पक, सच्चे देशभक्त, महान् स्वतंत्रता सेनानी, कृषि वैज्ञानिक श्री पिंगली वैंकैया जी के जयंती पर शत्-शत् नमन। pic.twitter.com/kEqk8PYGFB
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 2, 2017
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कई बदलाव हुए थे तिरंगे में
पिंगली वेंकैया का जन्म आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा शहर में 2 अगस्त 1876 को हुआ था। पी वेंकैया ने 1921 के कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन में महात्मा गांधी के सामने लाल और हरे रंग के एक राष्ट्रीय ध्वज की प्रस्तुति रखी थी। बाद में महात्मा गांधी ने इसमें सफेद रंग को डालने का सुझाव दिया था। गदर आंदोलन के नेता लाला हरदयाल ने भी झंडे में विकास के प्रतीक चरखे को शामिल करने का प्रस्ताव रखा था। बाद में लाल रंग के बजाय झंडे में केसरिया रंग को जगह देकर 1931 में कांग्रेस ने इसको राष्ट्रीय ध्वज घोषित कर दिया था। पी वेंकैया का निधन 4 जुलाई 1963 को विजयवाड़ा में हुआ था।