पीएम मोदी की 'दीप जलाने' वाली अपील पर संजय राउत ने कसा तंज, बोले- लोग कहीं अपना घर ही ना जला लें
मुंबई। पीएम मोदी ने शुक्रवार को देश के लोगों से अपील की है कि 5 अप्रैल यानी कि रविवार को सभी रात नौ बजे 9 मिनट के लिए अपने-अपने घरों की बत्तियां बुझाकर दीया, मोमबत्ती और मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाएं। शिवसेना के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत को पीएम मोदी की अपील समझ नहीं आई और उन्होंने इसका मजाक बनाया। राउत ने ट्वीट किया है, ''जब लोगों से ताली बजाने को कहा गया तो उन्होंने सड़कों पर जमा होकर ढोल पीटे। अब मैं आशा करता हूं कि वे अपना ही घर ना फूंकें।''
क्या थी पीएम मोदी की अपील
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पीएम मोदी ने लोगों से अपील की,' इस रविवार 5 अप्रैल को सबको मिलकर, कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है, उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। इस 5 अप्रैल को हमें, 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे पर या बालकनी में, खड़े रहकर, 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं। और उस समय यदि घर की सभी लाइटें बंद करेंगे, चारों तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दीया जलाएगा, तब प्रकाश की उस महाशक्ति का ऐहसास होगा, जिसमें एक ही मकसद से हम सब लड़ रहे हैं, ये उजागर होगा।''
When people were asked to clap , they crowded the roads and beat drums , I just hope now they don't burn down their own houses , sir 'diya to jalalenge ' but please tell us what the government is doing to improve condition
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) April 3, 2020
कांग्रेस ने पूछा- दीया जलाएंगे लेकिन गरीबों का चूल्हा कब जलेगा
पीएम मोदी के इस अपील पर कांग्रेस पार्टी ने प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने कहा कि दीया जलाएंगे लेकिन देश मे गरीबों का चूल्हा कब जलेगा। पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पार्टी दीया जलाने के खिलाफ नही है। लेकिन गरीबों का चूल्हा कब जलेगा। खेड़ा ने कहा कि पीएम मोदी डॉक्टर, नर्स, सुरक्षाकर्मियों के समर्थन में दीया जलाने की बात कह रहे है लेकिन उनके सुरक्षा का क्या ? खेड़ा ने कहा कि देश उम्मीद लगाए हुए बैठा था कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन में किसानों के जन-धन खाते, पेंशन वालों के खाते में 7500 रुपए और मनरेगा मजदूरों के खाते में 3 महीने का एडवांस पैसा जमा करने से जुड़े ऐलान प्रधानमंत्री करेंगे। चरमराई हुई अर्थव्यवस्था पर बोलेंगे। लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नही कहा। इस वजह से देश की जनता को एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी से निराशा हाथ लगी है।