Pilot vs Gehlot: 'साथियों को कुछ भी सोच समझकर बोलना चाहिए...', थरूर को गहलोत को नसीहत
दोनों नेताओं के बीच चल रही जुबानी जंग के बीच शशि थरूर ने कहा कि हमे अपने शब्दों का चयन ध्यान से करना चाहिए। मुझे इस बात पर गर्व है कि मेरे 14 साल के राजनीतिक करियर में मैंने कभी भी अपशब्द का इस्तेमाल नहीं किया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही तकरार के बीच कहा था कि हर दल में गुटबाजी होती है, लेकिन जो नेता होते हैं वो साथ आते हैं जब किसी साझा मुद्दे की बात होती है। जयपुर लिट फेस्टिवल में शशि थरूर ने कहा कि क्या भारत में कोई ऐसा दल है जिसमे कोई मतभेद ना हो, क्या भाजपा में लोगों को अलग राय नहीं है। लोकतंत्र में दो लोगों के बीच मतभेद हो सकता है, लेकिन आप विचारधारा एक ही साझा करते हैं, एक ही मकसद के लिए लड़ते, ऐसे में जो पार्टी कहती है वही होता है।
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गौर करने वाली बात है कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच फिर से तकरार देखने को मिल रही है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों के बीच का तनाव फिर से बढ़ सकता है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जिस तरह से दोनों के बीच तकरार देखने को मिल रही है उसने कांग्रेस की चिंता को बढ़ा दिया है। लेकिन शशि थरूर ने इस तकरार को तूल नहीं देने की बात कही और कहा कि इस तरह से मतभेद हर दल में होते हैं। थरूर ने कहा कि यह सच्चा है कि हर दल में इस तरह के मसले होते हैं, लेकिन बड़ी बात यह है कि हम सभी भाजपा के खिलाफ हैं। जब बड़े मुद्दों की बात होती है तो यह बहुत ही छोटे मसले हैं।
गौर करने वाली बात है कि हाल ही में एक वायरल वीडियो में अशोक गहलोत ने कहा था कि महामारी के बाद कांग्रेस में एक बड़ा कोरोना आ गया है। जिस तरह से गहलोत ने यह बयान दिया उससे साफ है कि उनका इशारा सचिन पायलट की ओर ही है। इससे पहले भी वह सचिन पायलट को गद्दार कह चुके हैं। हालांकि इस बार गहलोत ने पायलट का नाम नहीं लिया है, लेकिन लोग उनके इस बयान को सचिन पायलट से जोड़कर देख रहे हैं। गहलोत के इस बयान पर सचिन पायलट ने भी बिना नाम लिए पलटवार करते हुए कहा कि बड़ों को युवा पीढ़ि के बारे में कुछ भी कहने से पहले सोचना चाहिए, युवाओं को न्याय मिलना चाहिए। नेताओं को विरोधियों के लिए भी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जो वो खुद के लिए नहीं सुन सकते हैं।
दोनों नेताओं के बीच चल रही जुबानी जंग के बीच शशि थरूर ने कहा कि हमे अपने शब्दों का चयन ध्यान से करना चाहिए। मुझे इस बात पर गर्व है कि मेरे 14 साल के राजनीतिक करियर में मैंने कभी भी इस तरह से शब्दों का इस्तेमाल किसी नेता के लिए नहीं किया। मैंने पहले भी कहा है कि मैं इस कीचड़ में नहीं उतरना चाहता हूं। लिहाजा मेरी यह अपील है कि मेरे साथी इस तरह की बातों से दूर रहें। आप अपनी बातों को निजी तौर पर एक दूसरे से बहुत कुछ कह सकते हैं। निजी तौर पर आप कुछ भी एक दूसरे से प्राइवेट में कह सकते हैं।
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