बिहार में बंटवारे की जंग: किसकी JDU है असली, नीतीश कुमार या शरद यादव?
नई दिल्ली। इन दिनों बिहार की राजनीति में काफी उथल-पुथल मची हुई है। इसी बीच जेडीयू पर भी अपना हक जताने वाले दो लोग हो गए हैं। जहां अभी तक नीतीश कुमार जेडीयू पर अपना हक जताते थे, वहीं अब शरद यादव ने कहा है कि जेडीयू सिर्फ नीतीश कुमार की पार्टी नहीं है, बल्कि उनकी भी पार्टी है। शरद यादव ने दावा किया है कि कुल 14 राज्यों के जेडीयू अध्यक्षों का उन्हें समर्थन भी मिला हुआ है।
आपको बता दें कि हाल ही में नीतीश कुमार ने शरद यादव को पार्टी के जनरल सेक्रेटरी के पद से हटा दिया है। जेडीयू ने शरद यादव को राज्यसभा में संसदीय दल के प्रमुख के पद से भी हटा दिया है। जेडीयू ने यादव के दावों को भी खोखला बताते हुए कहा है- जिन लोगों ने बिहार यात्रा के दौरान शरद यादव का समर्थन किया वह आरजेडी के कार्यकर्ता थे, जबकि जेडीयू के कार्यकर्ता उनमें शामिल नहीं थे।
नीतीश कुमार ने कहा था कि जेडीयू सिर्फ बिहार में है। उनका विरोध करने के लिए शरद यादव के एक करीबी अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि जेडीयू की छाप पूरे देश में है, न कि सिर्फ बिहार में। उन्होंने कहा कि यह शरद यादव ही थे, जिन्होंने नीतीश कुमार से पहले पार्टी प्रमुख की भूमिका निभाई थी। उसके बाद नीतीश कुमार ने अपनी समता पार्टी का विलय जेडीयू में किया। शरद यादव के साथ इस लड़ाई में दो राज्यसभा सदस्य अली अनवर अंसारी और एम पी वीरेन्द्र कुमार भी हैं।
अरुण श्रीवास्तव ने कहा- हम पार्टी नहीं छोड़ेंगे। नीतीश कुमार ने खुद ही कहा था कि पार्टी बिहार के बाहर अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कर पाई है। इसलिए उन्हें बिहार के लिए एक नई पार्टी बना लेनी चाहिए। उन्हें जेडीयू को हड़पने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, जो पहले से ही पूरे देश में अपनी उपस्थिति दर्ज कर रही है।