क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

भगत सिंह को प्रेरणा का स्रोत मानते हैं पाकिस्तानी युवा!

Google Oneindia News

लाहौर। भारत में 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जा रहा है और इसी दिन पाकिस्तान में राष्ट्र दिवस। सबसे खास बात यह है कि दो जगहों पर शहीद भगत सिंह को याद किया जा रहा है। न केवल भारत में बल्क‍ि पाकिस्तानी युवाओं के लिये भी भगत सिंह प्रेरणा का स्रोत हैं।

पाक को याद आए भगत सिंह

यह जानकर आप शायद चकित होंगे, लेकिन यह सच है। रविवार को पाकिस्‍तान में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें बड़ी संख्‍या में युवाओं ने शिरकत की। शहीद-ए-आजम भगत सिंह के बारे में पाक के युवाओं को बताना इस कार्यक्रम का अहम मकसद था।

साथ ही साथ युवाओं के सामने इस बात का भी जिक्र हुआ कि आखिर क्‍यों न सिर्फ हिंदुस्‍तान बल्कि पाकिस्‍तान के लिए भी भगत सिंह की खूब अहमियत है। कार्यक्रम के बाद युवाओं का कहना था कि भगत सिंह के बारे में न जानकर उन्‍होंने इतिहास का एक अहम हिस्‍सा नजरअंदाज किया है।

पाक में नेशनल डे और भारत में शहीद दिवस

23 मार्च को पाकिस्‍तान अपना गणतंत्र दिवस नेशनल डे के तौर पर मना रहा है। सात वर्ष बाद आयोजित हुए इस मौके से एक दिन पहले रविवार को पाक में शहीद भगत सिंह को याद किया गया। पाक के पंजाब प्रांत में स्थित साहिवाल में एक वार्ता का आयोजन हुआ था।

इस दौरान कई संस्‍थाओं से जुड़े स्‍टूडेंट्स, थियेटर से जुड़े कलाकार और कई अहम व्‍यक्तियों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। पंजाब के मशहूर नाटककार और पालिटिकल एक्टिविस्‍ट लख्‍त पाशा इस कार्यक्रम के सूत्रधार बने। उन्‍होंने युवाओं को बताया कि कैसे ब्रिटिश राज के खिलाफ एक मुहिम की शुरुआत हुई और कैसे भगत सिंह ने उस मुहिम को आगे बढ़ाया।

कौन थे भगत सिंह?

भगत सिंह का जन्‍म पाकिस्‍तान के जारनवाल तहसील के बुंगा गांव में हुआ था जो अब फैसलाबाद में है। कितनी अजीब बात है कि उन्‍हें फांसी भी पाक की लाहौर जेल में दी गई। ममोना अमजद जो फैसलाबाद में रहती हैं, उनकी मानें तो पाक में युवाओं को भगत सिंह के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है। उन्‍हें भगत सिंह के संघर्ष के बारे में भी कुछ नहीं मालूम क्‍योंकि पाक में इतिहास की जो किताबें हैं उसमें भगत सिंह को भारत के सिख स्‍वतंत्रता नायक के तौर पर बताया गया है।

पहली बार सुना भगत सिंह का नाम

ममोना की ही तरह 24 वर्ष के अब्‍दुल मुकद्दम की मानें तो उन्‍होंने अब तक की अपनी जिंदगी में भगत सिंह का नाम एक बार भी नहीं सुना है। पहली बार उन्‍हें भगत सिंह के बारे में मालूम चला है। भगत सिंह को एक महान क्रांतिकारी बताते हुए वह कहते हैं कि इतिहास का एक अहम हिस्‍से को वह जानने से चूक गए।

चे गुएरा की तरह भगत सिंह

वहीं इस कार्यक्रम में आईं समीना की मानें तो भगत सिंह बिल्‍कुल चे गुएरा की ही तरह एक क्रांतिकारी और चमत्‍कारी व्‍यक्तित्‍व रहे हैं जिन्‍होंने ब्रिटिश राज के खिलाफ एक सफल आंदोलन की अगुवाई की। लेकिन उन्‍हें पाकिस्‍तान में वह सम्‍मान नहीं मिल सका क्‍योंकि पाक में भगत सिंह के नाम को सांप्रदायिकता में दबा दिया गया।

पाक में भी शहीद का दर्जा

लख्‍त पाशा बताते हैं कि भगत सिंह को न सिर्फ भारत में बल्कि पाक में भी उनके संघर्षों की वजह से शहीद का दर्जा मिला हुआ है। वह कहते हैं कि पाक में भी उन्‍हें उतनी ही प्राथमिकता दी जानी चाहिए जितनी भारत में मिली हुई है। आजादी के लिए भगत सिंह ने जो भूमिका अदा की है, पाकिस्‍तान को उसका महत्‍व समझना होगा।

Comments
English summary
Bhagat Singh has not been forgotten by Pakistan. A special programme was organised in Pakistan's Punjab Province on the eve of Shaheedi Diwas.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X