जन्म से पहले लिंग जांच से बचाई जा सकेगी बेटियां: मेनका गांधी
नयी दिल्ली। भारत में जन्म से पहले भ्रूण का लिंग पता लगाना कानूनी जूर्म हैं। मां के गर्भ में बच्चे का लिंग पताकर लोग बेटियों की हत्या करवा देते हैं, लेकिन अब सरकार के एक मंत्री का मानना है कि बेटियों को बचाने के लिए गर्भ में ही भ्रूण का लिंग बताया जाए तो बेहतर होगा।
केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि लिंग जांच को अनिवार्य कर देना चाहिए ताकि कन्या भ्रूण वाली गर्भवती महिला का ध्यान रखा जा सके और इस तरह कन्या भ्रूण हत्या रोकी जा सकेगी। मेनका गांधी ने साफ किया है कि ये उनके निजी विचार है और इस पर चर्चा की जानी चाहिए।
अखिल भारतीय क्षेत्रीय संपादक सम्मेलन के दौरान सोनोग्राफी सेंटर्स द्वारा गैरकानूनी तरीके से लिंगानुपात की जांच संबंधी पूछे गये प्रश्न के जवाब में मेनका गांधी ने ये कहा। मेनका ने कहा कि एक बार जांच में यह तय हो जाये कि बच्चा लड़का है या लड़की, उसकी निगरानी रखना आसान हो जायेगा, यह एक अलग नजरिया है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि गैरकानूनी रूप से अल्ट्रासाउंड करने वाले लोगों को हम हमेशा पकड नहीं सकते, ऐसे लोगों को गिरफ्तार करना इस समस्या का स्थाई हल नहीं है। अब देखने वाली बात होगी कि सरकार मेनका गांधी के इस निजी राय पर कितना गौर फरमाती है।