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कोरोना से मामूली प्रभावित मरीजों में पाए जा रहे इन सात बीमारियों के कई रूप

कोरोना से मामूली प्रभावित मरीजों में पाए जा रहे इन सात बीमारियों के कई रूप

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नई दिल्‍ली। कोरोना वाररस महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच वैज्ञानिकों ने एक और खुलासा किया है। वैज्ञानिकों ने कोरोना के हल्‍के और मामूली रुप से संक्रमित मरीज में सात प्रकार की बीमारियों का पता किया है। इतना ही नहीं वैज्ञानिकों ने ये भी दावा किया है कि यह बीमारियां कोरोना के संक्रमण होने के 10 हफ्ते बाद भी मरीज के इम्‍यून सिस्‍टम पर दिखाई देता है।

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ये शोध हाल ही में एक जनरल में प्रकाशित हुआ है। इस अध्‍ययन को आस्ट्रिया के मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ वियना के वैज्ञानिक और चिकित्‍सा शोधकर्ताओं ने किया है। इसमें शोधकर्ताओं ने कोरोना मरीज में जिन बीमारियों के लक्षणों की पहचान की है।

शोध में COVID-19 रोगियों में इन सात अलग-अलग 'बीमारियों के विभिन्‍न प्रकार मिले

  • - फ्लू जैसे लक्षण जैसे ठंड लगना, थकान और खांसी
  • - सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे एलर्जिक राइनाइटिस, छींकना, गला सूखना, नाक बंद होना
  • - जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द।
  • - आंख में सूजन।
  • - फेफड़े संबंधी दिक्कतें जैसे निमोनिया, सांस लेने में मुश्किल होना।
  • - गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं दस्त, मतली और सिरदर्द।
  • - किसी चीज की खुशबू या गंध और स्वाद नहीं आना।

मरीजों के बल्‍ड में भी लंबे समय तक परिवर्तन होता रहता है

शोधकर्ता ने बताया कि ये निष्कर्ष मरीजों के इलाज और कोरोना से बचाव के लिए संभावित वैक्‍सीन के विकास में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है। 'एलर्जी' पत्रिका में प्रकाशित शोध में वैज्ञानिकों ने ठीक होने वाले और 98 स्‍वस्‍थ्‍य व्‍यक्तियों की जांच की। शोध के लेखक एफफ्रेल और विनफ्राइड एफ पिकल बताया कि जांच के दौरान पाया गया, स्वाद और खुशबू का न आना स्‍वस्‍थ लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करता है। इतना ही नहीं शोध में ये भी दावा किया गया है कि कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों के बल्‍ड में भी लंबे समय तक परिवर्तन होता रहता है।

अध्ययन से यह भी पता चलता है कि COVID-19, फिंगरप्रिंट के समान, लंबे समय तक पहचाने जाने वाले रक्त में परिवर्तन करता है। पिकल के अनुसार, "सीडी 4 और सीडी 8 टी कोशिकाएं - प्रतिरक्षा को प्रेरित करने के लिए महत्वपूर्ण - कम्पार्टमेंट विकसित मेमोरी सेल और सीडी 8 टी कोशिकाएं दृढ़ता से सक्रिय रहीं। यह दर्शाता है कि प्रारंभिक संक्रमण के कई हफ्तों बाद भी प्रतिरक्षा प्रणाली गहन रूप से बीमारी से जुड़ी हुई है। उसी समय, नियामक कोशिकाएं बहुत कम हो जाती हैं और यह एक खतरनाक मिश्रण होने की संभावना है, जिससे ऑटोइम्यूनिटी हो सकती है।"

जानिए कौन सा ऐसा ब्लड ग्रुप है जिसके लोग कम पड़ते हैं बीमार, कोरोना से भी उन्‍हें है कम खतराजानिए कौन सा ऐसा ब्लड ग्रुप है जिसके लोग कम पड़ते हैं बीमार, कोरोना से भी उन्‍हें है कम खतरा

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English summary
Seven different forms of mild COVID-19, according to a new study
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