मध्य प्रदेश चुनाव: कमलनाथ के 'वचन' ने कांग्रेस के खेमे की बढ़ाई चिंता
भोपाल। मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान जनता को लुभाने में कांग्रेस ने कोई कसर बाकी नहीं रखी है। कांग्रेस ने बड़े-बड़े वादे किए ये जानते हुए भी राज्य पर भारी कर्ज है। अब पार्टी के सीनियर नेता इस बात से परेशान हैं कि आखिर उन वादों को कैसे पूरा किया जाएगा। असल में मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्विटर पर बहुत से वादे किए हैं, जिसे 'घोषणा नहीं, वचन है' नाम से पोस्ट किया गया था।
'50 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती का वादा'
पुलिसकर्मियों को हफ्ते में एक छुट्टी देना, ऐसा वादा है जिसपर पार्टी के नेताओं में भी मदभेद है क्योंकि राज्य में पहले ही तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या काफी कम है और अपराध चरम पर रहा है। तो इसको पूरा करेंगे? कमलनाथ ने 50 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती का वादा किया है। राज्य की आर्थिक दशा देखते हुए इस अतिरिक्त बोझ को उठाना भी आसान नहीं होगा। इसी प्रकार सभी अस्थायी कर्मचारियों को स्थाई करने का वादा भी पार्टी की मुश्किलें बढ़ा रहा है।
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'सभी अस्थाई कर्मियों को स्थाई करने का वादा'
कमलनाथ ने सभी आंगनवाड़ी कर्मियों, उनके सहायकों और स्वास्थ्य सेवाओं में शामिल आशाकर्मियों को स्थायी करने का वादा किया है। वे हजारों में हैं और देश के किसी भी राज्य ने इनको स्थायी नहीं किया है। कमलनाथ ने ऐसे अस्थायी कर्मियों को वापस बुलाने करने का भी वादा किया है जिन्हें नौकरी से हटा दिया गया है। साथ ही सभी संविदा शिक्षकों को स्थायी करने का वादा किया है।
'प्राइवेट अस्पतालों में महंगे इलाज का खर्च राज्य सरकार उठाएगी '
कमलनाथ ने पहले ही बैंकों से ही नहीं, सहकारी समिति से भी महिला स्वयं सहायता समूहों और किसानों के कर्ज को माफ करने के लिए कहा है। सभी मेडिकल कॉलेजों को सुपर स्पेशालिटी अस्पताल बनाने जैसे वादे केवल कमलनाथ द्वारा किए गए हैं। साथ ही ये भी कहा गया है कि बाईपास और डायबिटीज के लिए अलग सेंटर होंगे। उन्होंने ये भी कहा है कि प्राइवेट अस्पतालों में होने वाले महंगे इलाज का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। कमलनाथ ने वादा किया है कि 12 घंटे की बिजली आधी दरों पर दी जाएगी। सरकार पर 187,636 करोड़ का कर्ज है और कर्मचारियों की तनख्वाह जैसे-तैसे दी जा रही है, ऐसे में सत्ता में आने पर कमलनाथ इन वादों को कैसे पूरा करेंगे, कांग्रेस इसको लेकर परेशान है।