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Private Job करने वाले इस शख्‍स की पेंशन 1200% बढ़ी, SC के आदेश से हुआ ये कमाल

सरकारी नौकरी में रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को जीवनभर पेंशन मिलती है। इस पेंशन में बढ़ोतरी वेतन आयोग द्वारा समय-समय पर की जाती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले के बाद प्राइवेट नौकरी करने वाले एक शख्स के पेंशन में 10 या 20 प्रतिशत की नहीं बल्कि 1200 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।

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नई दिल्ली। सरकारी नौकरी में रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को जीवनभर पेंशन मिलती है। इस पेंशन में बढ़ोतरी वेतन आयोग द्वारा समय-समय पर की जाती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले के बाद प्राइवेट नौकरी करने वाले एक शख्स के पेंशन में 10 या 20 प्रतिशत की नहीं बल्कि 1200 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। जी हां हरियाणा टूरिज्म कॉर्पोरेशन से रिटायर्ड हुए प्रवीण कोहली के पेंशन में 1200 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और उनकी सैलरी 2372 रुपए से बढ़कर 30592 रुपए हो गई।

 पेंशन में 1200 प्रतिशत की बढ़ोतरी

पेंशन में 1200 प्रतिशत की बढ़ोतरी

37 साल की नौकरी में प्रवीण की सैलरी में जितनी बढ़ोतरी नहीं हुई उससे अधिक तो रिटायरमेंट के 4 साल बाद उनके पेंशन में हो गई। दरअसल ये बढ़ोतरी सुप्रीम कोर्ट के अहम फैसले के बाद की गई। कोर्ट ने 2016 में EPFO को ये आदेश दिया, जिसके 1 साल के बाद 1 नवंबर को ईपीएफओ ने इस फैसले को लागू किया और पेंशन में बढ़ोतरी की। अब आपको उस वजह के बारे में बताते हैं, जिसकी वजह से प्रवीण की सैलरी में ये बढ़ोतरी की गई।

 कोर्ट ने EPFO को दिया आदेश

कोर्ट ने EPFO को दिया आदेश

प्रवीण कोहली समेत 12 याचिकार्ताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एंप्लॉयी प्रविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन को एंप्लॉयी पेंशन स्कीम यानी EPS को तहत पेंशन रिवाइज करने को कहा था। दरअसल प्रवीण कोहली समेत कुछ और याचिकाकार्ताओं और निजी ईपीएफ फंड ट्रस्टी ने EPFO से संपर्क कर EPS योगदान पर सीमा को हटाने की मांग की थी और इसे पूरे वेतन पर लागू करने को कहा।ईपीएफओ ने उनकी मांग को खारिज करते हुए 1996 के संशोधन का हवाला दिया, लेकिन याचिकाकर्ताओं ने ईपीएफओ के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और ज्यादातर हाईकोर्ट ने ईपीएफओ के खिलाफ फैसला दिया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। आखिरकार फैसला कर्मचारियों के हक में आया और कोर्ट ने EPFO को आदेश मानने कहा, लेकिन इस फैसले को लागू करने में एक साल का वक्त लग गया, लेकिन आखिरकार 1 नवंबर को ईपीएफओ ने कोर्ट के फैसले को लागू कर दिया।

 क्या है नियम

क्या है नियम

आपको बता दें कि पेंशन स्कीम के तहत ईपीएफ के पास 5 करोड़ से ज्यादा सदस्य हैं।पेंशन स्कीम के तहत प्राइवेट नौकरी करने वाले सभी कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 12 प्रतिशत और महंगाई भत्ता ईपीएफ में जमा करवाते है। कंपनी रूल के मुताबिक उतनी ही रकम एंप्लॉयर भी ईपीएफओ में जमा करवाता है, लेकिन एंप्लॉयर के फंड से 8.33 प्रतिशत हिस्सा EPS में चला जाता है, जो कि कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद ही मिलता है।

 EPS की सीमा निर्धारित

EPS की सीमा निर्धारित

ईपीएफओ के मुताबिक EPS की सीमा निर्धारित है। जो बेसिक सैलरी + डीए पर 15000 रुपये है। इस ईपीएस की गिनती की जाए तो 15000 के अधिक तम 8.33 प्रतिशत के हिसाब से ये हर माह 1250 रु बनता है, जो कि 2001 से 2014 के बीच अधिकतम 541.4 रुपए और 2001 से पहले अधिक तम योगदान सीमा 416.5 रुपए था।

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English summary
In his 37-year career Praveen Kohli hadn't got the kind of hike that he received four years after he retired as a general manager with Haryana Tourism Corporation.
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