आने वाले महीनों में उच्च स्तर पर बनी रहेगी खुदरा महंगाई दरः एसबीआई रिपोर्ट
नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले कुछ महीने खुदरा महंगाई उच्च स्तर पर रहेगी। रिपोर्ट कहती है कि मजदूरों की कमी के चलते आपूर्ति में कमी इसकी वजह है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एसबीआई की गणना में कोविड सीपीआई वास्तविक हेडलाइन महंगाई आरोपित महंगाई दर से ज्यादा है। हमारा जून 2020 की महंगाई दर का आंकड़ा 6.98 फीसदी है। यह राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी महंगाई दर से करीब 0.90 फीसदी अधिक है। अगर एनएसओ ऑनलाइन कीमतों को भी शामिल किया जाए, तो सीपीआई महंगाई दर 0.10-0.15 फीसदी और बढ़ जाएगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय खुदरा मुद्रास्फीति को कम करके आंकते हुए दिखाई दिया। इसने अप्रासंगिक वस्तुओं और सेवाओं को शामिल किया, इस तथ्य को नजरअंदाज करते हुए कि इनकी खपत कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण बहुत कम रह गई थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जून में खुदरा मुद्रास्फीति 6.09 फीसदी थी।
रिपोर्ट में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय को सुझाव दिया है कि खुदरा मुद्रास्फीति की गणना करते समय उत्पादों की ऑनलाइन कीमतों को भी ध्यान में रखा जाए, क्योंकि अधिक से अधिक लोग अपनी जरूरतों के लिए ऑनलाइन स्टोर्स पर आ रहे हैं, खासकर कोरोना के बाद ऐसा हो रहा है। रिपोर्ट ये भी कहती है कि कोरोना ने अपस्फीति के हालिया वैश्विक ट्रेंड को तेजी से बढ़ा दिया है।
बता दें कि सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक जून में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 6.09 फीसदी पर पहुंच गया है। खाद्य वस्तुओं में हुए इजाफे के बाद खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी हुई। सीपीआई द्वारा जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक जून महीने में महंगाई दर 6.09 फीसदी हो गया है। ये दर रिजर्व बैंक के मध्यम अवधि के चार फीसद के लक्ष्य से ऊपर है।
खुदरा महंगाई दर जून में बढ़कर 6.09 फीसदी, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में हुई बढ़ोतरी का असर