यूपी चुनाव के बाद सत्यपाल मलिक ने फिर किया केंद्र सरकार को आगाह, कहा- किसानों से मत उलझिए
मेघालय के राज्यपाल ने यहां तक कह दिया है कि किसान जिद्दी हैं वे अपनी मागों (Farmers Demend) के लिए हिंसा की राह पर भी चल सकते हैं। मलिक (Governor Saty Pal Malik) ने कहा कि किसानों के लिए आवाज उठाने पर उनका पद चला जाए।
नई दिल्ली, 12 मार्च। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर किसानों की मांगों को लेकर बड़ी बात कही है। मलिक ने केंद्र सरकार को आगाह किया है कि अगर किसानों का मान नहीं रखा गया तो वे कोई भी रास्ता अपना सकते हैं। मेघालय के राज्यपाल ने यहां तक कह दिया है कि किसान जिद्दी हैं वे अपनी मागों (Farmers Demand) के लिए हिंसा की राह पर भी चल सकते हैं। मलिक (Governor Satya Pal Malik) ने कहा कि किसानों के लिए आवज उठाने पर अगर उनका पद चला जाए तो वे इसकी परवाह नहीं करते।
राज्यपाल मलिक ने यह बात राजस्थान के जोधपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि किसानों को वह मिलना चाहिए जिसकी वे मांग कर रहे हैं। उनकी मांग (Farmers Demand) को पूरा करने के लिए कोई भी रास्ता हो सकता है चाहे वह बातचीत या लड़ाई के माध्यम से हो, या फिर अगर जरूरी हो तो हिंसा के माध्यम से भी।
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Governor Satya Pal Malik) ने निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार को किसानों के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकती। इसका विरोध होना चाहिए। किसान अपनी मांगों को मांगों की पूर्ति के लिए हिंसा का रास्ता अपना सकते हैं। राज्यपाल ने मोदी सरकार को सलाह दी कि वे किसान से पंगा न लें क्योंकि वे बहुत ही खतरनाक लोग हैं।
पद छिनने का डर नहीं: राज्यपाल मलिक
राजस्थान के शहर जोधपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को वह मिलेगा जो वे चाहते हैं, या तो बातचीत या लड़ाई के माध्यम से, या यदि आवश्यक हो, तो हिंसा के माध्यम से भी। मलिक ने कहा कि वह किसानों के मुद्दों को उठाने के लिए अपना पद भी खो सकते हैं, लेकिन अपनी आवाज उठाने या राज्यपाल का पद छीनने से नहीं डरते।
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राज्पाल मलिक ने दावा किया कि किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार का रुख अड़ियल रहा है। किसानों के साथ वार्ता के दौरान यह व्यवहार स्पष्ट रूप से दिखा था। उन्होंने पीएम मोदी पर अंहकारी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वे पीएम के इस अहंकार का मुकाबला करने के लिए वे समर्थ हैं। यह सरकार किसानों का गला नहीं घोट सकती। अगर किसानों की मांगें नहीं पूरी हुईं तो फिर से विरोध शुरू होगा।