#INDVsAus: (व्यंग्य) U-19 क्रिकेट टीम के कप्तान पृथ्वी शॉ करेंगे ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता लेने पर विचार?
नई दिल्लीः साल 2014 चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी ने अच्छे दिन लाने का वादा किया, उस वादे का क्या हुआ ये आपको बाद में बताएंगे पहले बताते हैं क्रिकेट के मैदान पर भारत के अच्छे दिनों के बारें। बड़े मियां तो बड़े मियां छोटे मियां भी शुभानअल्ला। एक और विराट की सेना ने गुरुवार को दक्षिण अफ्रिका टीम को बिना साबुन के धोया तो वहीं भारत की अंडर-19 टींम भी शानदार खेल दिखा रही है।
आज भारत विश्वकप का फाइनल खेल रहा है
आज भारत विश्वकप का फाइनल खेल रहा है और ये मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के साथ है। आज के मैच में भारत का जिस तरह का परफॉरमेंस दिख रहा है, उससे भारतीय टीम के जीतने के पूरे चांस हैं। भारत के हाथों मात खा चुका पाकिस्तान भारतीय टीम के कोच राहुल द्रविड़ की पहले ही तारीफ कर चुका है और अब भारतीय टीम के कप्तान को अपने पाले में खींचने के लिए ऑस्ट्रेलिया पूरा जोर लगा रहा है।
बता दिया राम रहीम का नाम
अपनी खुफिया रिपोर्टिंग के कारण अपने गांव के एक कोने में मशहूर कुल्लु भाई ने बताया कि भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान पृथ्वी शॉ के शानदार खेल से ऑस्ट्रेलिया की टीम डरी हुई थी। कप्तान से पार पाने के लिए टीम ने मदद मांगी तो किसी ने राम रहीम बाबा का नाम बता दिया।
जेल पहुंच गए खिलाड़ी
बाबा का नाम सुनते ही ऑस्ट्रेलिया टीम के कई खिलाड़ी रात के अंधेरे में रोहतक की सुनारिया जेल में पहुंच गए और बाबा राम रहीम से मदद मांगने लगे। राम रहीम ने खिलाड़ियों के सामने एक शर्त रखी।
हनीप्रीत से मिलने की जताई चाहत
राम रहीम का कहना था कि अगर वो हनीप्रीत के मुलाकात करवा दें तो वो उन्हें विश्व कप में जीत दिला सकते हैं। खिलाड़ी बाबा की कोई मदद नहीं कर सकते थे इसलिए वापस अपने देश जाने लगे तभी निर्मल बाबा से उनकी मुलाकात हो गई। निर्मल बाबा ने ऑस्ट्रेलिया को राम बाण इलाज दे दिया।
नहीं हो सका ऑस्ट्रेलिया का सपना पूरा
निर्मल बाबा का कहना था कि अगर टीम इंडिया के कप्तान को ऑस्ट्रेलिया की टीम में मिला लिया जाए तो जीत पक्की हो जाएगी। बताया तो ये भी जाता है कि निर्मल बाबा ने इस जीत के मंत्र के बाद खिलाड़ियों से 11 रुपये भी लिए। वापस लौटकर खिलाड़ियों ने पृथ्वी शॉ को अपने देश की नागरिकता देने की बात की। लेकिन ऐसा संभव ना हो सकता क्योंकि पृश्वी शॉ अपना आधार पासपोर्ट से लिंक करा चुके थे।
यह एक व्यंग्य है।
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