उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या पर अब RSS ने दी कड़ी प्रतिक्रिया, मुस्लिम समुदाय को दी ये नसीहत
उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या पर अब RSS ने दी कड़ी प्रतिक्रिया, मुस्लिम समुदाय को दी ये नसीहत
नई
दिल्ली,
10
जुलाई:
राष्ट्रीय
स्वयंसेवक
संघ
(आरएसएस)
ने
राजस्थान
के
उदयपुर
में
हिंदू
दर्जी
में
कन्हैया
लाल
की
हत्या
पर
अब
अपनी
प्रतिक्रिया
दी
है।
राष्ट्रीय
स्वयंसेवक
संघ
ने
कहा
है
कि
मुस्लिम
समुदाय
को
उदयपुर
में
हत्या
जैसी
घटनाओं
का
कड़ा
विरोध
करना
चाहिए
क्योंकि
देश
के
हिंदू
समाज
ने
शांतिपूर्ण
और
संवैधानिक
तरीके
से
इस
मामले
पर
अपनी
प्रतिक्रिया
दी
थी।
राजस्थान
के
झुंझुनू
में
प्रांत
प्रचारकों
की
तीन
दिवसीय
बैठक
के
समापन
के
बाद
आरएसएस
के
प्रवक्ता
सुनील
आंबेकर
ने
कहा,
"इसका
एक
साथ
विरोध
करना
सभी
के
लिए
आवश्यक
है।"
28
जून
2022
को
उदयपुर
में
दर्जी
कन्हैया
लाल
की
उनकी
दुकान
में
दो
मुसलमान
शख्स
ने
गला
रेत
कर
हत्या
कर
दी
थी।
'कन्हैया लाल की हत्या बेहद निंदनीय है...'
समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए शनिवार (09 जुलाई) को आरएसएस के प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने मुस्लिम समुदायों से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का प्रयोग करते हुए जनता की भावनाओं का ध्यान रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कन्हैया लाल की हत्या बेहद निंदनीय है।
आरएसएस के प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने कहा, ''हमारे देश में लोकतंत्र है। हमारे पास संवैधानिक लोकतांत्रिक अधिकार हैं। अगर किसी को कुछ पसंद नहीं है, तो उस पर प्रतिक्रिया करने का एक लोकतांत्रिक तरीका है। लेकिन ऐसी घटनाएं न तो समाज और न ही देश के हित में हैं।''
'हिंदू समाज शांतिपूर्ण तरीक से इस मामले पर प्रतिक्रिया दे रही है...'
आरएसएस के प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने आगे कहा, ''एक सभ्य समाज केवल ऐसी घटना की निंदा करता है। हिंदू समाज शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीके से प्रतिक्रिया दे रहा है। मुस्लिम समाज से भी ऐसी घटना का विरोध करने की अपेक्षा की जाती है। कुछ बुद्धिजीवियों ने इसका विरोध किया है, लेकिन मुस्लिम समाज को भी आगे आना चाहिए और जोर से विरोध करना चाहिए।"
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जानिए कैसे की गई दर्जी कन्हैया लाल की हत्या?
उदयपुर में एक दर्जी कन्हैया लाल का रियाज अटारी और गौस मोहम्मद ने सिर कलम कर दिया था। उन्होंने इसका वीडियो भी बनाया और सोशल मीडिया पर इसे अपलोड किया। इस वीडियो में उन्होंने कन्हैया लाल की हत्या को भी फिल्माया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी भी दी थी। दोनों फिलहाल राष्ट्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में हैं। जांच के अनुसार, हत्यारों को कराची स्थित दावत-ए-इस्लामी ने कट्टरपंथी बनाया था।
दर्जी के सिर काटने के खिलाफ फतवा जारी कर कन्हैया लाल की हत्या के खिलाफ बरेलवी उलेमा ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। फतवे में बरेलवी संप्रदाय ने रियाज अटारी और गौस मोहम्मद दोनों पर शरिया अदालत में अपराधियों के रूप में शासन किया है।