मोहन भागवत के बयान पर संघ की सफाई, गलत तरीके से प्रचारित किया गया
अपनी छह दिवसीय मुजफ्फरपुर यात्रा के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि सेना को सैन्यकर्मियों को तैयार करने में छह-सात महीने लग जाएंगे, लेकिन संघ के स्वयं सेवकों को लेकर यह तीन दिन में तैयार हो जाएगी
नई दिल्ली। कांग्रेस बिहार के मुजफ्फरपुर में सेना पर दिए गए मोहन भागवत के 'विवादित बयान' का विरोध कर रही है। इसी बीच संघ ने मोहन भागवत के बयान पर सफाई दी है। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य ने सोमवार को कहा 'सरसंघचालक मोहन भागवत जी के मुजफ्फपुर (बिहार) में दिए वक्तव्य को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है। भागवत जी ने कहा था कि परिस्तिथि आने पर तथा संविधान द्वारा मान्य होने पर भारतीय सेना द्वारा सामान्य समाज को तैयार करने के लिए 6 महीना का समय लगेगा तो संघ स्वयंसेवकों को भारतीय सेना 3 दिन में तैयार कर सकेगी, कारण स्वयंसेवकों को अनुशासन का अभ्यास रहता है।'
राहुल गांधी ने बताया भारतीयों का अपमान
मनमोहन वैद्य ने कहा है कि यह सेना के साथ तुलना नहीं थी पर सामान्य समाज और स्वयंसेवकों के बीच में थी। दोनो को भारतीय सेना को ही तैयार करना होगा। मोहन भागवत के बयान को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे हर भारतीय का अपमान बताया है, क्योंकि यह उन लोगों का अपमान है जिन्होंने हमारे देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। यह देश के झंडे का भी अपमान है, क्योंकि तिरंगे को सलाम करने वाले सैनिकों का अपमान किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे शहीदों और सेना का अपमान करने के लिए मोहन भागवत को शर्म आनी चाहिए।
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मोहन भागवत ने ये कहा था
अपनी छह दिवसीय मुजफ्फरपुर यात्रा के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि सेना को सैन्यकर्मियों को तैयार करने में छह-सात महीने लग जाएंगे, लेकिन संघ के स्वयं सेवकों को लेकर यह तीन दिन में तैयार हो जाएगी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तारीफ करते हुए भागवत ने कहा कि 'यह हमारी क्षमता है पर हम सैन्य संगठन नहीं, पारिवारिक संगठन हैं लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सेना जैसा अनुशासन है। अगर कभी देश को जरूरत हो और संविधान इजाजत दे तो स्वयं सेवक मोर्चा संभाल लेंगे।'
'देश की विपदा में स्वयंसेवक हर वक्त मौजूद रहते हैं'
मोहन भागवत ने आगे कहा कि देश की विपदा में स्वयंसेवक हर वक्त मौजूद रहते हैं। उन्होंने भारत-चीन के युद्ध की चर्चा करते हुए कहा कि जब चीन ने हमला किया था तो उस समय संघ के स्वयंसेवक सीमा पर सेना के आने तक डटे रहे। चीन पर हमला बोलते हुए भागवत ने कहा कि स्वयं सेवकों ने तय किया कि अगर चीनी सेना आयी तो बिना प्रतिकार के उन्हें अंदर प्रवेश करने नहीं देंगे। स्वयंसेवकों को जब जो जिम्मेदारी मिलती है, उसे बखूबी निभाते हैं।
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