मध्य प्रदेश में संकट में कांग्रेस की सरकार, सिंधिया ने दिखाए बागी तेवर
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार संकट में आ गई है। मध्य प्रदेश कांग्रेस दो गुटों में बंद गया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ बनाम ज्योतिरादित्य सिंधिया की लड़ाई तेज हो गई है और ये टशन अब सरकार के लिए मुश्किल बन गई है। बागी सिंधिया ने कमलनाथ सरकार की नींव को हिलाकर रख दिया है। हालांकि ये एक दिन का मामला नहीं है, ये कलह तो साल 2018 से ही शुरू हो गई थी, जब कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। कांग्रेस की सरकार को कांग्रेसियों से ही चुनौती मिल रही है। कमलनाथ सरकार की मुश्किलें कभी ज्योतिरादित्य सिंधिया तो कभी दिग्विजय सिंह तीखे तेवर से बढ़ाई है। इस बार सिंधिया के बागी तेवर ने कमलनाथ सरकार, राहुल गांधी और कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है।
सिंधिया की नाराजगी मुख्यमंत्री की कुर्सी से दूर रखने के बाद से ही शुरू हो गई थी। घोषणा पत्र को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस में अपनी ही सरकार के खिलाफ ज्योतिरादित्य सिंधिया खड़े हो गए। उन्होंने सरकार को धमकी दे दी कि अगर कमलनाथ सरकार अपने वादों को पूरा नहीं करती तो वो उनके खिलाफ सड़क पर उतर जाएंगे। मुख्यमंत्री कमलनाथ से सुलह के बजाए आग को और हवा दे दी। कमलनाथ ने कहा कि वो चाहते हैं उतर जाएं तो उतर सकते हैं। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में सिंधिया की पैठ को आंकना आसान नहीं है। कांग्रेस को इस बात का अंदाजा अब हो रहा है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक करीब 20 कांग्रेसी विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। संकट बढ़ता देख राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने कमान संभाली है, लेकिन अगर वो वक्त पर सिंधिया को मनाने में सफल नहीं होते तो मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिरनी तय है। सिंधिया को मनाने की कोशिशें जारी है। कहा जा रहा है कि उन्हें मध्य प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी जा सकती है। बैठकों का दौर जारी है। दिग्विजय सिंह जैसे बड़ नेताओं ने सरकार को बचाने की कोशिशें शुरू कर दी है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के तीन दिग्गज नेता हैं, जिनमें पहले कांग्रेस कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह, दूसरे युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और तीसरे मुख्यमंत्री कमलनाथ है। वहीं कांग्रेस सरकार में उठी हलचल के बीच मध्य प्रदेश की राजनीति में बीजेपी सक्रिय हो गई है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बीच सोमवार रात बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात भी की है। बीजेपी भी जोड़-तोड़ की राजनीति में सक्रिय होने लगी है।
कमलनाथ की बैठक में मौजूद सभी मंत्रियों ने दिया इस्तीफा, मंजूर