RBI कमेटी का सुझाव, नए बैंक लाइसेंस के लिए न्यूनतम राशि 500 से बढ़ाकर की जाए 1000 करोड़
RBI कमेटी का सुझाव, नए बैंक लाइसेंस के लिए न्यूनतम राशि 500 से बढ़ाकर की जाए 1000 करोड़
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के इंटरनल वर्किंग ग्रुप ने नए बैंकों को लाइसेंस देने के लिए प्रारंभिक पूजी को बढ़ाने का सुझाव दिया है। बैंक के समूह ने कहा है कि संपूर्ण बैंकिंग सेवाओं (यूनिवर्सल) के लिए नए बैंकों का लाइसेंस देने के लिए न्यूनतम प्रारंभिक पूंजी आवश्यकता को बढ़ाकर 1000 करोड़ रुपए कर दिया जाए जो अभी 500 करोड़ है। वहीं छोटे वित्त बैंकों को लाइसेंस के लिए न्यूनतम राशि 200 करोड़ से बढ़ाकर 300 करोड़ की जाना चाहिए।
रिजर्व बैंक ने भारतीय निजी क्षेत्र के बैंकों के स्वामित्व दिशानिर्देश और कंपनी ढांचे की समीक्षा को लेकर आंतरिक कार्यकारी समूह का गठन 12 जून, 2020 को किया था। केंद्रीय बैंक ने समूह की रिपोर्ट शुक्रवार को जारी की। नए बैंक लाइसेंस के लिए न्यूनतम पूंजी बढ़ाए जाने की मांग काफी पुरानी रही है। इसके अलावा कार्यकारी समूह ने निजी बैंकों में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 15 साल में मौजूदा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 26 प्रतिशत करने की भी सिफारिश की है।
रिजर्व बैंक के इस ग्रुप ने बड़े समूह के लिए निगरानी व्यवस्था मजबूत बनाने की भी सिफारिश की है। समूह ने सुझाव दिया है कि बेहतर तरीके से परिचालित, 50,000 करोड़ रुपए और उससे अधिक संपत्ति वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंकों में बदलने पर विचार किया जा सकता है। इसमें वे इकाइयां भी शामिल हैं जिनका कॉरपोरेट हाउस है। इसके लिए 10 साल का परिचालन का होना जरूरी शर्त होना चाहिए।
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