Rajiv Gandhi Assassination Case: दोषियों को रिहा करने के SC के आदेश को चुनौती देगी कांग्रेस, दायर करेगी PIL
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड मामले में दोषी ठहराए गए आरोपियों को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कांग्रेस चुनौती देगी। कांग्रेस की तरफ से 3 से 4 दिन में इस आदेश के खिलाफ PIL दायर की जाएगी। इस बात की जानकारी कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता की तरफ से दी गई है। आपको बता दें कि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को 'पूरी तरह से अस्वीकार्य' और 'पूरी तरह से गलत' करार दिया था। साथ ही कांग्रेस की तरफ से यह भी कहा किया गया था कि दोषियों को जेल से रिहा किया गया है, बरी नहीं। ऐसे में उन्हें 'हीरो' के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
11
नवंबर
को
सुप्रीम
कोर्ट
ने
दिया
था
आदेश
सुप्रीम
कोर्ट
ने
11
नवंबर
को
नलिनी
श्रीहरन
और
आरपी
रविचंद्रन
समेत
छह
दोषियों
को
रिहा
करने
का
आदेश
दिया
था।
सुप्रीम
कोर्ट
का
यह
फैसला
18
मई
को
एक
दोषी
एजी
पेरारिवलन
को
जमानत
देने
के
महीनों
बाद
आया
था।
अदालत
की
तरफ
से
खराब
स्वास्थ्य
और
अच्छे
आचरण
के
आधार
पर
उसे
रिहा
करने
के
लिए
संविधान
के
अनुच्छेद
142
का
प्रयोग
किया
गया
था।
इसके
अलावा
सुप्रीम
कोर्ट
ने
जेल
में
दोषियों
की
तरफ
से
ली
गई
विभिन्न
डिग्रियों
को
भी
आधार
माना
था।
आपको बता दें कि पेरारीवलन, नलिनी श्रीहरन, मुरुगन उर्फ श्रीहरन, संथन, आरपी रविचंद्रन, रॉबर्ट पायस और एस जयकुमार को 1991 में गिरफ्तार किया गया था। नलिनी के पति श्रीहरन सहित उनमें से चार श्रीलंकाई नागरिक हैं। 21 मई, 1991 को लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान श्रीलंका के लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) की एक महिला आत्मघाती हमलावर ने तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में राजीव गांधी की हत्या कर दी थी। कहा जा रहा था कि राजीव गांधी ने श्रीलंका में एलटीटीई के खिलाफ शांति सेना भेजी थी। इस कारण तमिल विद्रोही संगठन लिट्टे (LTTE, लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) उनसे नाराज चल रहा था। यही वजह थी कि उनकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
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