Rajasthan Political Crisis: जादूगर के बेटे हैं अशोक गहलोत, रखते हैं कड़क चाय का शौक
जयपुर। राजस्थान की सियासत में इस वक्त भूचाल आया हुआ है, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से बर्खास्त किए जाने के बाद सचिन पायलट ने जहां बुधवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर गंभीर आरोप लगाए हैं, वहीं सीएम ने भी सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कहा कि वो खुद षड्यंत्र में शामिल होकर हम पर निशाना साध रहे हैं, केवल अच्छी अंग्रेजी बोल लेने से बात सही नहीं हो जाती है, 40 साल से राजनीति में हूं और तीसरी बार सीएम की कुर्सी संभाल रहा हूं, आज यहां तक पहुंचने में काफी रगड़ाई हुई है हमारी, उनकी (सचिन पायलट) रगड़ाई नहीं हुई और बड़ी आसानी से उच्च पद मिल गया इस वजह से उन्हें पद की कीमत नहीं मालूम।
तो पायलट पर भारी पड़े गहलोत!
फिलहाल राजस्थान का सियासी पारा काफी गर्म है, अब सबकी निगाहें सचिन पायलट पर हैं कि उनका अगला कदम क्या होता है, पहली चाल में तो गहलोत, पायलट पर भारी ही दिख रहे हैं, विधानमंडल की बैठक में विधायकों ने उन्हें ही अपना नेता माना और अनुभव और जोश में से अनुभव का साथ दिया, सचिन पायलट, ऊर्जावान, युवा और लोकप्रिय चेहरा हैं लेकिन गहलोत गंभीर, अनुभवी और जादूगर के रूप में विख्यात हैं, सचिन पायलट अगर राहुल गांधी के करीब रहे हैं तो वहीं गहलोत सोनिया गांधी की गुड लिस्ट में कहे जाते हैं।
सीएम गहलोत के पिता जादूगर थे...
बता दें कि अशोक गहलोत को लोग जादूगर इसलिए भी कहते हैं क्योंकि उनके पिता बाबू लक्ष्मण सिंह गहलोत देश के जाने-माने जादूगर थे, गहलोत ने खुद बचपन में अपने पिता के साथ मिलकर कई बार जादू के खेल लोगों को दिखाएं हैं, उन्हें लोग बचपन में गिली-बिली के नाम से चिढ़ाते थे, हालांकि आगे चलकर अशोक गहलोत के जीवन ने खुद एक जादूई मोड़ आया और लॉ में स्नातक और अर्धशास्त्र में पीजी की डिग्री लेने वाले गहलोत ने सियासी दुनिया में कदम रख दिया और धीरे-धीरे राजस्थान की सियासत का बड़ा नाम बन गए।
गांधी परिवार के बेहद करीब रहे हैं गहलोत
गहलोत का गांधी परिवार से भी गहरा नाता रहा है, वो इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं, और आज वो सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ काम कर रहे हैं, गहलोत कड़क चाय का शौक रखते हैं, उनके बारे में ये भी मशहूर हैं कि उनके बैग में हमेशा एक बिस्कुट का पैकेट रहता है, माली जाति के लोकप्रिय नेता के रूप में मशहूर गहलोत 1998 से 2003 तक और फिर 2008 से 2013 तक राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
इंदिरा गांधी हुई थीं प्रभावित
कहा जाता है कि साल 1971 में, पूर्वी बंगाली शरणार्थियों के संकट के दौरान, गहलोत ने शरणार्थी शिविरों में लोगों की काफी सेवा की थी और इसी दौरान ही उनकी पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी से मुलाकात हुई थी, वो गहलोत से काफी प्रभावित हुई थीं और इसी वजह से उन्होंने गहलोत को एनएसयूआई राजस्थान का राज्य अध्यक्ष नियुक्त किया था।
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