झमाझम बारिश से भीगेगा उत्तर भारत, मौसम विभाग ने बताई तारीख
भारत मौसम विभाग में सेवाओं के प्रमुख मृत्युंजय मोहापात्रा ने बताया कि 10 अप्रैल तक तापमान में कुछ गिरावट के आसार बने रह सकते हैं।
नई दिल्ली। देश के कई इलाकों में समय से पहले भीषण गर्मी की दस्तक ने लोगों को परेशान कर दिया है। खास तौर से भीषण गर्मी का असर सबसे ज्यादा उत्तरी और मध्य भारत में देखने को मिल रहा है। पारा अचानक ऊपर जाने और भीषण गर्मी से परेशान आम लोगों के लिए मौसम विभाग की ओर राहत भरी खबर आई है। भारतीय मौसम विभाग की ओर से अनुमान लगाया गया है कि आने वाले दिनों में बारिश की संभावना है।
शनिवार से देश के कुछ हिस्सों में बारिश के आसार
शनिवार से बारिश के आसार नजर आ रहे हैं, जिसके बाद तेज गर्मी लोगों से को थोड़ी राहत मिल सकती है। भारत मौसम विभाग में सेवाओं के प्रमुख मृत्युंजय मोहापात्रा ने बताया कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान क्षेत्र में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस काफी बढ़ रहा है। इसकी वजह से उत्तर पश्चिम भारत के कई इलाकों में शनिवार से बारिश की संभावना है। बारिश की वजह से उत्तर और मध्य भारत में तेजी बढ़ रहे तापमान में गिरावट के आसार हैं।
मौसम विभाग ने जताया अनुमान
भारत मौसम विभाग में सेवाओं के प्रमुख मृत्युंजय मोहापात्रा ने बताया कि 10 अप्रैल तक तापमान में कुछ गिरावट के आसार बने रह सकते हैं। इस साल मार्च के दूसरे हफ्ते से ही अचानक तापमान बढ़ने लगा और भीषण गर्मी ने दस्तक देना शुरू कर दिया। इस बार कई इलाकों के तापमान में औसत से 6 से 8 डिग्री सेल्सियस का उछाल देखने को मिला। जिन इलाकों में भीषण गर्मी और तापमान में उछाल नजर आया है उनमें विदर्भ, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड प्रमुख हैं। यहां गुरुवार को तापमान 43 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर गया।
अगले कुछ दिनों में होगी बारिश
महाराष्ट्र के अकोला में सबसे ज्यादा तापमान रिकॉर्ड किया गया। अकोला में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। महाराष्ट्र में पहले ही भीषण गर्म हवाओं की वजह से दो मौतें हो चुकी हैं। मृत्युंजय मोहापात्रा ने बताया कि मार्च महीने में मध्य भारत में अधिकतम तापमान असामान्य नहीं है। गुजरात और महाराष्ट्र से लेकर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ तक तापमान में उछाल देखने को मिला है। हालांकि इस बार कुछ स्थानीय वजहें भी हैं जिसकी वजह से गर्मी इतनी तेजी से बढ़ी है।
मौसम का बदलेगा मिजाज
मृत्युंजय मोहापात्रा ने बताया कि साल के इस समय सूर्य बिल्कुल मध्य भारत के ऊपर रहता है। इस समय हवा की दिशा दक्षिण की ओर यानी दक्षिण से उत्तर की ओर दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर होती है। यही वजह है गर्मी का ज्यादा असर मध्य भारत में गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तर पश्चिम भारत में नजर आता है। हर साल ही इस समय में गर्मी का कुछ असर इन इलाकों में रहता है। फिलहाल इस बार ज्यादा गर्मी के पीछे जो वजहें नजर आ रही हैं उसमें महाराष्ट्र के आस-पास एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर है, ये स्थानीय और अस्थायी घटना है। ऐसा हर साल ही होता है।
उत्तर और मध्य भारत में भीषण गर्मी
फिलहाल अगले कुछ दिनों तक गर्मी का असर नजर आएगा। बाद में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर खत्म होगा। इससे बारिश की वाली हवा का असर नजर आएगा जो कि अफगानिस्तान और इरान से आ रही है। इसमें नमी होने की वजह से इसका असर नजर आएगा। माना जा रहा है कि इस हवा की वजह से देश के कई हिस्सों में बारिश की संभावना है। इससे तापमान में गिरावट की संभावना है।
इसे भी पढ़ें:- गर्मी ने किया बुरा हाल, उत्तराखंड में टूटा 25 साल पुराना रिकॉर्ड