सोहराबुद्दीन, जस्टिस लोया को किसी ने नहीं मारा, वे खुद मर गए: राहुल गांधी
नई दिल्ली। सीबीआई की विशेष अदालत ने जिस तरह से सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में 22 आरोपियों को बरी कर दिया उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मामले को लेकर सवाल खड़ा किया है। राहुल गांधी ने ट्विटर के माध्यम से फैसले के बाद सवाल खड़ा करते हुए लिखा है इसका मतलब कोई मारा नहीं किया। उन्होंने अपने इस ट्वीट में उन तमाम लोगों का नाम लिया जो इस केस से जुड़े हैं। राहुल गांधी ने हरेन पांड्या, तुलसीराम प्रजापति, प्रकाश थोंबरे, श्रीकांत खांडलकर, कौसर बी, सोहराबुद्दीन और जस्टिस लोया का नाम लेते हुए लिखा कि इसमे से किसी को भी मारा नहीं किया, बल्कि इनकी मौत हुई है।
अमित
शाह
का
भी
आया
था
नाम
दरअसल
सोहराबुद्दीन
मामले
में
भाजपा
अध्यक्ष
अमित
शाह
का
नाम
सामने
आने
के
बाद
इस
मामले
ने
काफी
तूल
पकड़ा
था
और
यह
काफी
सुर्खियों
में
रहा
था।
लेकिन
कोर्ट
ने
अमित
शाह
को
पहले
ही
इस
मामले
में
क्लीन
चिट
दे
दी
थी।
जिस
वक्त
यह
एनकाउंटर
हुआ
था
अमित
शाह
गुजरात
के
गृहमंत्री
थे।
इस
मामले
में
अमित
शाह
भी
एक
आरोपी
थे,
लेकिन
कोर्ट
ने
वर्ष
2014
में
उन्हें
इस
मामले
में
बरी
कर
दिया
था।
इस
मामले
की
जांच
कर
रही
सीबीआई
ने
कहा
था
कि
इस
हत्या
के
पीछे
साजिश
है,
जिसे
राजनीतिक
और
आर्थिक
लाभ
के
लिए
अंजाम
दिया
गया।
सीबीआई
ने
बताया
था
मर्डर
मामले
की
जांच
कर
रही
सीबीआई
ने
पहले
अपनी
रिपोर्ट
में
कहा
था
कि
गुजरात
पुलिस
ने
गैंगस्टर
सोहराबुद्दीन,
उसकी
पत्नी
कौसर
बी,
दोस्त
तुलसीराम
प्रजापति
को
हैदराबाद
से
सांगली
जा
रही
बस
से
बीच
सड़क
पर
उतारक
गोली
मार
दी
थी
और
इसे
एनकाउंटर
का
नाम
दिया
था।
इस
घटना
को
22
नवंबर
2005
में
अंजाम
दिया
गया
था।
सोहराबुद्दीन
को
अहमदाबाद
के
पास
मारा
गया
था।
ऐसा
आरोप
है
कि
सोहराबुद्दीन
लश्कर
ए
तैयबा
के
लिए
काम
करता
था
और
तत्कालीन
मुख्यमंत्री
नरेंद्र
मोदी
की
हत्या
की
साजिश
रच
रहा
था।
कोर्ट
ने
सभी
22
आरोपियों
को
बरी
किया
सीबीआई
का
कहना
था
कि
कौसर
बी
को
दूसरी
जगह
ले
जाकर
उसे
मौत
के
घाट
उतार
दिया
गया,
इससे
पहले
उसके
साथ
रेप
भी
किया
गया
था।
कौसर
बी
को
29
नवंबर
2006
को
मारा
गया
था।
वहीं
सोहराबुद्दीन
की
हत्या
के
चश्मदीद
तुलसीराम
प्रजापति
को
भी
राजस्थान
और
गुजरात
की
सीमा
पर
पुलिस
ने
मौत
के
घाट
उतार
दिया
था।
इस
मामले
में
कोर्ट
सभी
22
आरोपी
पुलिसकर्मियों
को
बरी
कर
दिया
है।
कोर्ट
ने
इस
मामले
में
पेश
किए
गए
दस्तावेजों
को
असंतोषजनक
करार
देते
हुए
कहा
कि
इसे
षड़यंत्र
और
हत्या
करार
देने
के
लिए
पर्याप्त
सबूत
नहीं
हैं।
NO ONE KILLED...
Haren Pandya.
Tulsiram Prajapati.
Justice Loya.
Prakash Thombre.
Shrikant Khandalkar.
Kauser Bi.
Sohrabuddin Shiekh.
THEY JUST DIED.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 22, 2018
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