वैक्सीन नीति को लेकर राहुल का हमला, कहा- पीएम की फर्जी छवि बनाने में लोगों की जान जा रही
नई दिल्ली, 16 जून। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट करके भारतीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ के बयान का हवाला देते हुए कहा कि भारत को तेज और संपूर्ण टीकाकरण की जरूरत है, भारतीय जनता पार्टी के झूठे ब्रांड और मेल मुहावरों की जरूरत नहीं है जिसका इस्तेमाल वैक्सीन की कमी को पूरा करने के लिए किया जाता है। वैक्सीन की कमी देश में मोदी सरकार की निष्क्रियता की वजह से हुई है। भारत सरकार लगातार प्रधानमंत्री की फर्जी छवि को बचाने में जुटी है, जिसकी वजह से देश में संक्रमण फैल रहा है और लोगों की जान जा रही है।
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राहुल गांधी ने यूएस न्यूज की एक रिपोर्ट को साझा किया है जिसमे कहा गया है कि भारत सरकार ने कोरोना एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की दो डोज के बीच के अंतराल को बिना डॉक्टरों की सलाह के दोगुना कर दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 13 मई को ऐलान किया था कि कोरोना की पहली और दूसरी डोज के बीच का अंतराल 6-8 हफ्तों की बजाए 12-16 हफ्ते होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि नेशनल टेक्निकल एडवायजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन की ब्रिटेन के ममलों पर आधारित मामलों के आधार पर यह फैसला लिया गया। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडमोलोजी के पूर्व डायरेक्टर ने कहा कि NTAGI ने कोरोना की दो खुराक के बीच के अंतराल को 8-12 हफ्तों का समर्थन किया है, यह अंतराल विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से सुझाया गया है। लेकिन डॉक्टर गुप्ते ने कहा कि 12 हफ्तों से ज्यादा के अंतराल पर वैक्सीन का क्या असर होता है इसका निष्कर्ष निकालने के लिए NTAGI के पास पर्याप्त आंकड़े नहीं हैं।
बता दें कि रायटर्स में छपि रिपोर्ट में भारतीय हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर सुभाष सालुंके के बयान का हवाला दिया गया है। जिसमे डॉक्टर सुभाष ने दावा किया है कि उन्होंने मार्च माह में ही सरकार को कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर चेताया था लेकिन बावजूद इसके सरकार की ओर से इसको लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया। यही नहीं डॉक्टर सालुंके ने कहा कि महाराष्ट्र के अमरावती में जब कोरोना के नए वैरिएंट का मामला सामने आया था तो मैंने इसको लेकर चेतावनी दी थी, लेकिन इसपर कोई कदम नहीं उठाया गया।