PNB Scam: नीरव मोदी का 1300 करोड़ का नया घोटाला आया सामने, बैंक को 12600 करोड़ की चपत
मुंबई। पीएनबी का 11 हजार 300 करोड़ रुपए का महाघोटाला लगातार बढ़ता जा रहा है। नीरव मोदी और उसकी कंपनियों का 1,300 करोड़ का एक नया फ्रॉड सामने आया है। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, पीएनबी की ओर से सोमवार देर रात स्टॉक एक्सचेंज को नीरव मोदी और उनके बिजनस पार्टनर मेहुल चौकसी की ओर से 204 मिलियन डॉलर यानी 1,322 करोड़ रुपए के एक और फ्रॉड के बारे में जानकारी दी गई है। इस नए खुलासे के बाद अब यह घोटाला 12 हजार 300 करोड़ का हो गया है।
ओवरसीज ब्रांचेज को मिले नए लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स के बाद यह नया घोटाला सामने आया
बैंक की ओवरसीज ब्रांचेज को मिले नए लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स के बाद यह नया घोटाला सामने आया है। नीरव मोदी की ओर से इस अतिरिक्त अवैध ट्रांजैक्शन की कीमत पीएनबी के साल 2017 के कुल मुनाफे के बराबर है। 2017 में सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे नंबर के बैंक पीएनबी को 1,320 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था। विदेशी बैंक शाखाओं द्वारा सूचित किए जाने के बाद नए एलओयू के बारे में पता चला था, उन पोर्टफोलियो की जांच के बाद यह नया घोटाला सामने आया है।
अनाधिकृत लेन-देन की राशि में 204 मिलियन डॉलर से अधिक का इजाफा
पंजाब नेशनल बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कहा गया है, 'हमें यह बताना है कि गैर अधिकृत लेन-देन की राशि में करीब 204 मिलियन डॉलर से अधिक का इजाफा हो सकता है।' डॉलर के मुकाबले रुपये के मौजूदा भाव के आधार पर यह राशि 1,323 करोड़ रुपये बनती है। एक अन्य फाइलिंग में पीएनबी ने इस बात से साफ इनकार किया कि उसने इस तरह के फ्रॉड में हुए नुकसान की भरपाई सरकार से करने की मांग की है।
जिन बैंको ने एलओयू जारी किए है उनसे भी जानकारी मांगी गई है
अनधिकृत लेनदेन के लिए एलओयू मुंबई की ब्रैडी हाउस बैंक से नीरव मोदी ग्रुप और गीतांजलि ग्रुप की पक्ष में जारी किया गया था। सोमवार को नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के फर्म के 10 से ज्यादा एग्जीक्यूटिव के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था। सीबीआई ने कम से कम पांच अन्य बैंकों एक्सिस बैंक, इलाहाबाद बैंक , भारतीय स्टेट बैंक, यूको बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से कहा है कि वे यह जानकारी साझा करें कि उनकी इंटरनेशनल डिवीजन से मोदी और चोकसी समूह की कंपनियों को कितना कर्ज दिया गया। सूत्रों के मुताबिक जिन बैंको ने एलओयू जारी किए है उनसे भी जानकारी मांगी गई है। जिन बैंकों की विदेशों में शाखाएं उनसे भी जांच एजेंसियों ने ब्यौरा मांगा है।