लोकसभा चुनाव 2019: राजगढ़ लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: मध्यप्रदेश की राजगढ़ लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद भाजपा के रोडमल नागर हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में रोडमल नागर ने कांग्रेस के कद्दावर नेता नारायण सिंह आमलाबे को 2 लाख 28 हजार 737 वोटों से हराकर ये सीट अपने नाम की थी। रोडमल नाहर को सबसे ज्यादा 5 लाख 96 हजार 727 वोट मिले थे,जबकि उस साल यहां बसपा तीसरे नंबर पर रही थी। राजगढ़ को कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह का गढ़ कहा जाता है, ऐसे में यहां भाजपा का जीतना अपने आप में काफी बड़ी बात थी।
राजगढ़ लोकसभा सीट का इतिहास
राजगढ़ लोकसभा सीट में विधानसभा की 8 सीटें आती हैं। साल 1967 के चुनाव में यहां पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी इसके बाद 1971 के चुनाव में भी यहां कांग्रेस का ही राज रहा जबकि 1977 के चुनाव में यहां जनता पार्टी ने जीत का परचम फहराया तो साल 1984 के चुनाव में यहां से पहली बार कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह निर्वाचित हुए, हालांकि 1989 के चुनाव में यहां भारतीय जनता पार्टी ने जीत के साथ खाता खोला लेकिन साल 1991 में एक बार फिर से यहां दिग्विजय सिंह विजयी हुए। इसके बाद 1994 में यहां उपचुनाव हुए जिसमें कांग्रेस विजयी हुई और दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह यहां से सांसद चुने गए, 1996, 1998, 1999 और 2004 के चुनाव में भी यहां कांग्रेस जीती और लक्ष्मण सिंह ही सांसद की कुर्सी पर विराजमान रहे लेकिन साल 2009 के चुनाव में इस सीट को जीतकर कांग्रेस नेता आमलाबे नारायण सिंह लोकसभा पहुंचे लेकिन साल 2014 के चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ और भाजपा यहां जीत गई और रोडमल नागर यहां से सांसद बने।
राजगढ़ , परिचय- प्रमुख बातें-
मध्य प्रदेश के खास जिलों में से एक राजगढ़ 'भैसवा माता' के मंदिर के लिए काफी लोकप्रिय है, जहां हर साल माघ मेला लगता है। राजगढ़ जिले में स्थित नरसिंहगढ़ के किले को 'कश्मीर ए मालवा' कहा जाता है मध्यप्रदेश का ये सर्वाधिक रेगिस्तान वाला जिला है। राजगढ़ की कुल आबादी 24 लाख 89 हजार 435 है, जिसमें से 81 प्रतिशत आबादी गावों में और 18 प्रतिशत जनसंख्या शहरों में रहती है। यहां की 92 प्रतिशत आबादी हिंदू धर्म में और 6 प्रतिशत लोग इस्लाम धर्म में यकीन रखते हैं।
रोडमल नागर का लोकसभा में प्रदर्शन
दिग्विजय सिंह के गढ़ में कांग्रेस का ये हाल होगा ये किसी ने नहीं सोचा था, वैसे आपको बता दें कि रोडमल नागर लोकसभा में मध्यप्रदेश के सबसे अधिक सक्रिय रहने वाले सांसदों में से एक हैं। दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में उनकी उपस्थिति 95 प्रतिशत रही है और इस दौरान उन्होंने 261 डिबेट में हिस्सा लिया है और 463 प्रश्न पूछे हैं। कहा जाता है कि मोदी सरकार ने काले धन की समस्या से निजात पाने के लिय नोटबंदी का जो ऐतिहासिक फैसला लिया उसके पीछे मध्यप्रदेश के सांसद रोडमल नागर के प्रस्ताव ने अहम भूमिका निभाई थी।
राजगढ़ में कांग्रेस के किले को ध्वस्त करना आसान नहीं था लेकिन बीजेपी ने ऐसा कर दिखाया उसका इस सीट पर विजयी होना सियासी लिहाज से बहुत बड़ी बात थी, इसमें कोई शक नहीं की नागर की जीत में मोदी लहर का भी हाथ था, साल 2014 में राज्य में शिवराज सिंह चौहान की सरकार थी लेकिन अब राज्य के समीकरण बदल गए हैं, अब मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार का राज है, ऐसे में कांग्रेस की पूरी कोशिश जहां इस सीट पर फिर से कब्जा करने की होगी तो वहीं भाजपा किसी भी कीमत पर इस सीट को हाथ से गंवाना नहीं चाहेगी, कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि इस बार इस सीट पर मुकाबला जबरदस्त होगा, जिसमें विजेता वो ही होगा जिसे जनता का साथ मिलेगा।