लोकसभा चुनाव 2019: उत्तर-पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: दिल्ली की उत्तर-पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद डा. उदित राज है। उदित राज ऑल इंडिया कॉन्फेडरेशन ऑफ एससी/एसटी ऑर्गनाइजेशन के राष्ट्रीय चेयरमैन हैं। यह सीट अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित है। साल 2014 में इस सीट पर कुल 2,194,425 मतदाता थे। जिनमें 1,212,553 पुरुष और 981,872 महिलाएं थीं। इनमें से कुल 1,356,036 लोगों ने वोट डाला था। यानी कुल 62 फीसदी मतदान हुआ। 2014 में डा. उदित राज ने आम आदमी पार्टी की राखी बिड़ला को 106,802 वोटों के मार्जिन से हराया था। उनसे पहले इस सीट पर कांग्रेस की कृष्णा तीरथ यहां से सांसद थीं, जो 2009 में यहां से चुनी गई थीं। 2014 के चुनाव में कृष्णा तीरथ मात्र 11.6 प्रतिशत वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रही थीं।
भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर संसद पहुंचे डा. राज पेशे से वकील रहे हैं। सदन में भी उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र के मुद्दों को भरपूरी तरीके से उठाया। और तो और विपक्ष के सवालों का भी उन्होंने अच्छी तरह जवाब दिये। उन्होंने मई 2014 से दिसंबर 2018 तक कुल 97 डिबेट में हिस्सा लिया। जबकि दिल्ली का औसत 61.7 और देश का औसत 63.8 था। डा. राज ने 21 प्राइवेट मेंबर बिल प्रस्तुत किये, जबकि राज्य का औसत 11 और देश का औसत 2 प्राइवेट बिल का है। प्रश्न पूछने के मामले में भी वे काफी आगे रहे। राज्य का औसत जहां 290 प्रश्नों का था वहीं राष्ट्रीय औसत 273 प्रश्नों का और डा. उदित राज ने 319 सवाल किये। क्षेत्र में विकास कार्यों की बात करें तो उत्तर पश्चिम दिल्ली की सांसद निधि की सीमा 37.5 करोड़ की थी। जबकि डा. राज ने विभिन्न विकास कार्यों के लिये 59.04 करोड़ रुपए की डिमांड की। जिनमें से 40 करोड़ सैंकशन हुए। जनवरी 2019 तक उनकी सांसद निधि में 4.93 करोड़ रुपए बचे। यानी कुल मिलाकर डा. राज ने विकास कार्यों में सांसद निधि का भरपूर प्रयोग किया।
साल 2019 में कांग्रेस को अगर यह सीट वापस चाहिये, तो एक स्ट्रॉन्ग कैंडिडेट उतारना होगा। कम से कम ऐसे को जिसने पिछड़ों के उत्थान में खासा योगदान दिया हो। और तो और ऐसा कैंडिडेट जो आम आदमी पार्टी के वोटों को खींच सके। क्योंकि पिछली बार आप पार्टी की राखी को 38 फीसदी वोट मिले थे, जो कि अच्छा खासा वोट बैंक है। आप पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ेगा या घटेगा यह तय करते समय जनता केजरीवाल सरकार की परफॉर्मेंस रिपोर्ट भी देखेगी। लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि यहां तीनों पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर होने की पूर्ण संभावना है।
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