लोकसभा चुनाव 2019: हावड़ा लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की हावड़ा लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद तृणमूल कांग्रेस के प्रसून बनर्जी हैं। साल 2014 के चुनाव में प्रसून बनर्जी ने दूसरी बार जीत हासिल की थी। उन्होंने सीपीएम के श्रीदीप भट्टाचार्य को 196,956 मतों के अनतर से हराया था। प्रसून बनर्जी को 488,461 और श्रीदीप भट्टाचार्य को 291,505 वोट मिले थे। 63 साल के प्रसून बनर्जी विज्ञान में स्नातक हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव के समय हावड़ा में कुल 1,505,099 मतदाता थे जिनमें 802,653 पुरुष और महिला वोटरों की संख्या 702,446 थी। 2014 के लोकसभा चुनाव के 1,125,399 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जिनमे 621,783 पुरुष और 503,616 महिला मतदाताओं ने वोट डाले। इस तरह 2014 में इस सीट पर कुल 75 प्रतिशत मतदान हुआ था। हावड़ा की कुल जनसंख्या 2,112,447 थी।इसमें ग्रामीण आबादी 7.04% और शहरी आबादी 92.96% है।
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सांसद के तौर पर प्रसून बनर्जी ने लोकसभा में हावड़ा का प्रतिनिधित्व प्रभावशाली ढंग से किया।पूरे कार्यकाल में उन्होंने सदन में 61 प्रश्न पूछे। सदन में उनकी उपस्थिति उपस्थिति 75 प्रतिशत रही। हावडा लोकसभा सीटों पर आने वाले दिनों में बीजेपी "लोड़बो , जीतबो" की तर्ज़ पर अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर रही है। इसी कड़ी में आगामी लोकसभा चुनाव में वामदलों से सत्ता छीन मजबूती के साथ सियासी पारी खेल रही ममता बनर्जी को कड़ी चुनौती देने की तयारी में हैं अमित शाह । बंगाल के 42 लोकसभा सीटों में से अमित शाह ने कम से कम 22 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।
गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में बंगाल से बीजेपी महज 2 सीटें ही जीत पायी थी जबकि ममता की पार्टी को शानदार 29 सीटें मिली थी। लेकिन 2 सीट जीत कर बीजेपी ने बंगाल में अपनी उपस्थिति का अहसास करा दिया था। नहीं भूलना चाहिए कि 2014 चुनाव में सीपीएम और कांग्रेस को भी केवल 2-2 सीटें ही मिल पायी थी। 2014 के आम चुनाव में मोदी लहर काफी जोरों पर थी। तब से पश्चिम बंगाल में भाजपा का जनाधार बढ़ा ही है। पश्चिम बंगाल में पहले कांग्रेस, फिर 35 सालों तक माकपा और अब पिछले सात सालों से ममता बनर्जी सत्ता पर काबिज हैं। ऐसे में बंगाल फतह भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बन गई है।
हावड़ा संसदीय सीट पर 1971 से ही सीपीआई (एम) का दबदबा रहा है। 2004 में जीत से पहले पार्टी 1984, 1996 में कांग्रेस और 1998 में टीएमसी से हारी थी। सीपीआई (एम) के मजबूत गढ़ में 2009 में टीएमसी ने सेंध लगाई और पार्टी की अंबिका बनर्जी सांसद चुनी गईं। अंबिका बनर्जी के निधन से 2013 में रिक्त हुई सीट पर उपचुनाव में भी टीएमसी की ही जीत हुई और पार्टी के प्रसून बनर्जी सांसद बने। उन्होंने माकपा के श्रीदीप भट्टाचार्य को हराया। इसके बाद 2014 के चुनाव में पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने हावड़ा लोकसभा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। देखना दिलचस्प होगा कि साल 2019 में किसे जीत मिलती है।
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