लोकसभा चुनाव 2019: जादवपुर लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की सीट जादवपुर लोकसभा सीट से सांसद तृणमूल कांग्रेस के नेता सुगाता बोस हैं। 62 साल के सुगाता सुभाष चंद्र बोस के पोते हैं। इस सीट पर कई सारी सियासी हलचल होती रही है। सोमनाथ चटर्जी को ममता बनर्जी ने यहीं से हराया था। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें 5.88 लाख से ज्यादा वोट मिले थे। इस सीट पर दूसरे नंबर पर सीपीआईएम के डॉक्टर सुजन चक्रवर्ती थे। वहीं तीसरे नंबर पर रहे भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को 155000 वोट मिले थे। सुगाता बॉस ने 18 मई 2014 को लोकसभा में सांसद पद की शपथ ली थी। यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज में 1983 से पीएचडी हैं। उन्होंने दिसंबर 2018 तक 30 डिबेट्स में भाग लिया है। वहीं दो प्राइवेट मेंबर बिल संसद के पटल पर रखे हैं। दिसंबर 2018 तक उन्होंने केवल तीन सवाल ही पूछे हैं। संसद में उनकी उपस्थिति 59 फीसदी रही है जो कि एवरेज से काफी कम है।
जादवपुर
लोकसभा
सीट
का
इतिहास
साल
1967
से
इस
सीट
पर
CPI
का
बोलबाला
रहा
है।
साल
1967
में
यहां
से
इंद्रजीत
गुप्ता
जीते
और
1977
तक
सांसद
रहे।
1977
में
यहां
सोमनाथ
चैटर्जी
जीतने
लग
गए।
लगातार
दो
बार
की
जीत
और
पार्टी
में
बढ़ते
उनके
कद
ने
सोमनाथ
चैटर्जी
को
कद्दावर
नेता
बना
दिया
था।
लेकिन,
साल
1984
में
इंदिरा
गांधी
की
मौत
के
वक्त
कांग्रेस
की
ऐसी
लहर
चली
की
कांग्रेस
की
ममता
बनर्जी
ने
यहां
से
सोमनाथ
चैटर्जी
को
हरा
दिया।
यहां
से
जीतने
के
बाद
ममता
बनर्जी
की
पहचान
नेशनल
लेवल
पर
हुई
और
राजीव
गांधी
ने
ममता
बनर्जी
को
कांग्रेस
में
एक
बड़ी
जिम्मेदारी
दी।
लेकिन
1989
से
लेकर
1996
तक
यहाँ
से
सीपीआई
की
मालिनी
भट्टाचार्य
जीती।
1996
में
दोबारा
से
कांग्रेस
की
वापसी
हुई
और
कृष्णा
बोस
को
यहां
से
जीत
मिली।
1998
में
चुनाव
हुए
तो
इस
बार
कृष्णा
बोस
जीते
लेकिन
पार्टी
बदल
चुकी
थी,
साल
1999
से
2004
के
बीच
कृष्णा
बोस
यहां
से
चुनाव
जीते।
पार्टी
थी
ऑल
इंडिया
तृणमूल
कांग्रेस,
जिसकी
अध्यक्षा
थी
ममता
बनर्जी।
2004
में
इस
सीट
पर
दोबारा
से
सीपीआईएम
ने
कब्जा
कर
लिया
और
डॉक्टर
सुजन
चक्रवर्ती
यहां
से
जीत
कर
लोकसभा
पहुंचे।
लेकिन,
2009
में
ममता
बनर्जी
की
आंधी
में
यहां
सब
बह
गए।
विधानसभा
चुनाव
में
ममता
बनर्जी
को
जीत
तो
मिली
ही
वही
लोकसभा
में
भी
जनता
ने
उन्हें
खूब
वोट
दिए
और
कबीर
सुमन
ने
यहां
से
जीत
हासिल
की
उसके
बाद
से
यह
सीट
पर
तृणमूल
कांग्रेस
के
पास
ही
है
और
2014
में
यहां
से
सुगाता
बोस
को
जीत
मिली
जो
कि
फिलहाल
लोकसभा
के
सांसद
हैं।
साल
2019
में
देखना
दिलचस्प
होगा
कि
कौन
यहां
से
चुनाव
जीतता
है।
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