लोकसभा चुनाव 2019: नीलगिरि लोकसभा सीट के बारे में जानिए
तमिलनाडु की नीलगिरि लोकसभा सीट से AIADMK नेता सी गोपालकृष्णन ( C.Gopalakrishnan)सांसद हैं। उन्होंने साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर DMK नेता ए राजा को 104, 940 वोटों के अंतर से हराया था। यहां सी गोपालकृष्णन को 463, 700 वोट मिले थे तो वहीं ए राजा को 358, 760 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। इस सीट पर नंबर तीन पर कांग्रेस और नंबर 4 पर आप थी। कांग्रेस प्रत्य़ाशी को 377, 02 वोट मिले थे तो वहीं आप प्रत्याशी को 125, 25 मत प्राप्त हुए थे। आपको बता दें कि नीलगिरि लोकसभा सीट SC के लिए आरक्षित सीट है।
नीलगिरि
लोकसभा
सीट
का
इतिहास
साल
1957
में
यहां
पहला
आम
चुनाव
हुआ
था,
जिसे
कि
कांग्रेस
ने
जीता
था,
1962
में
भी
ये
सीट
कांग्रेस
के
ही
नाम
रही,
1967
का
चुनाव
स्वतंत्र
पार्टी
ने
जीता
तो
1971
के
चुनाव
में
यहां
DMK
जीती
और
1977
का
चुनाव
AIADMK
ने
जीता,
साल
1980
में
यहां
कांग्रेस
की
वापसी
हुई
और
इसके
बाद
1984,
1989
और
1991
में
यहां
कांग्रेस
पार्टी
ही
जीती,
साल
1996
में
यहां
तमिल
मनीला
कांग्रेस
ने
अपने
जीत
का
परचम
फहराया
तो
साल
1998
में
पहली
बार
यहां
कमल
खिला
और
भाजपा
साल
1999
में
भी
यहां
विजयी
हुई,
साल
2004
में
यहां
कांग्रेस
की
वापसी
हुई
लेकिन
साल
2009
में
यहां
DMK
ने
जीत
दर्ज
की
और
साल
2014
का
चुनाव
यहां
पर
AIADMK
ने
जीत
लिया
और
सी
गोपालकृष्णन
यहां
से
जीतकर
लोकसभा
पहुंचे।
नीलगिरि,
परिचय-प्रमुख
बातें-
नीलगिरि
भारत
के
राज्य
तमिलनाडु
का
एक
प्रमुख
पर्यटक
स्थल
है
जिसकी
खूबसूरती
देखते
ही
बनती
है।
नीलगिरि
का
इतिहास
11वीं
और
12वीं
शताब्दी
से
शुरु
होता
है।
इसका
सर्वप्रथम
उल्लेख
शिलप्पदिकारम
में
मिलता
है।
नीलगिरि
पर्वत
श्रृंखला
का
कुछ
हिस्सा
तमिलनाडु,
कर्नाटक
और
केरल
में
भी
आता
है।
यहां
की
सबसे
ऊंची
चोटी
'डोड्डाबेट्टा'
है
जिसकी
कुल
ऊंचाई
2637
मीटर
है।
यह
जिला
मुख्यत:
पर्वत
श्रृंखला
के
मध्य
ही
स्थित
है।
यहां
के
दर्शनीय
स्थलों
की
बात
करें
तो
नि:संदेह
रूप
से
सबसे
पहला
नाम
ऊंटी
का
ही
आता
है।
इसके
अलावा
मुदुमलाई,
कूनूर
आदि
बहुत
से
खूबसूरत
स्थान
इस
जिले
में
हैं।
यहां
की
कुल
आबादी
16,93,566
है,
जिसमें
से
51.59%
जनसंख्या
गांवों
में
और
48.41%
जनसंख्या
शहरों
में
रहती
है,
यहां
24.83%
लोग
एससी
वर्ग
के
और
3.29%
लोग
एसटी
वर्ग
के
हैं।
सी
गोपालकृष्णन
का
लोकसभा
में
प्रदर्शन
दिसंबर
2018
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक
पिछले
5
सालों
के
दौरान
लोकसभा
में
सी
गोपालकृष्णन
की
उपस्थिति
73
प्रतिशत
रही
है
और
इस
दौरान
उन्होंने
35
डिबेट
में
हिस्सा
लिया
है
और
598
प्रश्न
पूछे
हैं।
साल
2014
के
चुनाव
में
इस
सीट
पर
कुल
मतदाताओं
की
संख्या
12,69,163
है,
जिसमें
से
मात्र
9,33,076
लोगों
ने
अपने
मतों
का
प्रयोग
यहां
पर
किया
था,
जिसमें
से
पुरुषों
की
संख्या
4,73,163
और
महिलाओं
की
संख्या
4,59,913
थी।
आंकड़े
बता
रहे
हैं
कि
इस
सीट
पर
कांग्रेस
का
राज
रहा
है
लेकिन
आज
यहां
कांग्रेस
जीत
के
लिए
तरस
रही
है,
यहां
तक
की
साल
2014
के
चुनाव
में
तो
वो
इस
सीट
पर
नंबर
चार
पर
रही,
जो
कि
बेहद
ही
खराब
प्रदर्शन
कहा
जा
सकता
है,
तो
वहीं
दूसरी
तरफ
पिछले
आम
चुनाव
में
जयललिता
उर्फ
अम्मा
तके
नेतृत्व
में
AIADMK
ने
प्रदेश
में
जबरदस्त
प्रदर्शन
किया
था
लेकिन
आज
हालात
बदले-बदले
हैं,
जहां
जयललिता
के
निधन
के
बाद
AIADMK
को
बिखराव
के
दंश
से
गुजरना
पड़ा
है
तो
वहीं
दूसरी
ओर
देश
के
तीन
राज्यों
के
विधनासभा
चुनावों
में
मिली
सफलता
से
कांग्रेस
का
जोश
लौट
आया
है,
इसलिए
इस
सीट
पर
अब
जंग
रोचक
हो
गई
है,
जहां
AIADMK
इस
सीट
पर
अपनी
जीत
को
बचाने
का
प्रयास
करेगी,
वहीं
दूसरी
DMK
की
पूरी
कोशिश
अपनी
हार
का
बदला
लेने
की
होगी
तो
वहीं
कांग्रेस
के
भी
कदम
पर
सबकी
निगाहें
होंगे,
देखते
हैं
यहां
की
जनता
इस
बार
किसका
साथ
देती
है।