लोकसभा चुनाव 2019: गांधीनगर लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: गुजरात की गांधीनगर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद भाजपा के वरिष्ठ नेता और पार्टी के मार्ग दर्शक मंडल के सदस्य लाल कृष्ण आडवाणी है। इसे भाजपा की पारंपरिक सीट कहा जाता है। लाल कृष्ण आडवाणी 6 बार इस सीट से लोकसभा पहुंचे हैं। साल 2014 के चुनाव में उन्होंने इस सीट पर कांग्रेस के कीर्ति ईश्वरभाई पटेल को 483, 121 मतों से हराया था, आडवाणी को 773,539 वोट मिले थे तो वहीं कांग्रेस प्रत्य़ाशी को मात्र 290, 418 वोटों पर संतोष करना पड़ा था जबकि आप पार्टी के प्रत्याशी ऋतुराज मेहता 119, 66 वोट लेकर तीसरे स्थान पर थे। उस साल यहां कुल मतदाताओं की संख्या 17,33,972 थी, जिसमें से मात्र 11,35,495 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग किया था, जिसमें पुरुषों की संख्या 6,20,889 और महिलाओं की संख्या 5,14,606 थी।
गांधीनगर लोकसभा सीट का इतिहास
साल 1967 में यहां पहली बार आम चुनाव हुए जिसे कि कांग्रेस ने जीता। इसके बाद साल 1971 में भी यहां की सत्ता कांग्रेस के ही पास रही, 1977 का चुनाव भारतीय लोकदल ने यहां जीता लेकिन 1980-1984 में यहां कांग्रेस का शासन रहा लेकिन 1989 में यहां पहली बार कमल खिला और शंकर सिंह वाघेला यहां से सांसद चुने गए और तब से लेकर अब तक इस सीट पर केवल भाजपा का ही राज है। 1991 में पहली बार यहां से लाल कृष्ण आडवाणी जीतकर लोकसभा पहुंचे थे, 1996 में यहां से देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी भी चुनाव जीते थे, इसके बाद से हुए चुनाव में अब तक यहां से केवल लाल कृष्ण आडवाणी ही जीतते चले आ रहे हैं, दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि यह सीट और आडवाणी एक-दूसरे के पर्याय बन चुके है।
गांधीनगर, एक परिचय-प्रमुख बातें-
गुजरात की राजधानी गांधीनगर को 'हरित नगर' यानी कि 'ग्रीन सीटी' कहा जाता है। अहमदाबाद शहर से 35 किलोमीटर पूर्वोत्तर में और साबरमती नदी के पश्चिमी तट पर स्थित गांधीनगर का नाम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर रखा गया है। 649 वर्ग किलोमीटर में फैले गांधीनगर को चंडीगढ़ के बाद भारत का दूसरा नियोजित शहर माना जाता है। चंडीगढ़ को डिज़ाइन करने वाले फ्रेंच वास्तुशिल्प ली कोरबुसियन ने इस शहर को भी डिज़ाइन किया था। 1966 यह गुजरात की राजधानी बनी इससे पहले राज्य की राजधानी अहमदाबाद हुआ करती थी, यह शहर सुंदर, और शांत होने के साथ बुनियादी सुविधाओं से युक्त है। यहां की आबादी 19,33,986 है , जिसमें 21 प्रतिशत लोग गांवों में रहते हैं, 78 प्रतिशत आबादी शहरी है, जबकि 11 प्रतिशत लोग अनुसूचित जाति और 1 प्रतिशत लोग अनुसूचित जनजाति वर्ग के हैं।
लालकृष्ण आडवाणी का लोकसभा में प्रदर्शन
देश के सातवें उप-प्रधानमंत्री के तौर अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में अपनी सेवाएं देने वाले लालकृष्ण आडवाणी भाजपा पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं, दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों में लेकसभा में उनकी उपस्थिति 92 प्रतिशत रही है। राजनीति के शिखर पर पहुंचे लालकृष्ण आडवाणी को साल 2015 में देश के दूसरे सबसे बड़े सिविलयन अवॉर्ड पदम विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है।
साल 2019 के आगामी चुनाव में इस सीट पर बीजेपी का किला गिराना आसान नहीं है, लंबे वक्त से यहां कांग्रेस जीत के लिए कोशिश कर रही है लेकिन वो कामयाब नहीं हो पाई है, देखते हैं इस बार वो गांधीनगर के रण में भाजपा का किस तरह से मुकाबला करती है और बीजेपी उसके वार का कैसे जवाब देती है।