लोकसभा चुनाव 2019- बहराइच लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की बहराइच लोकसभा सीट से साध्वी सावित्री बाई फूले सांसद हैं। 2014 में भाजपा के टिकट पर साध्वी सावित्री बाई फूले ने सपा के शब्बीर अहमद को हराकर जीत हासिल की थी, हालांकि अब साध्वी सावित्री ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया है कि ये पार्टी समाज को बांटने का काम कर रही है, दलित समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली साध्वी सावित्री लगातार अपने विवादित बयान की वजह से सुर्खियों में थीं। गौरतलब है कि देवीपाटन मंडल का हिस्सा बहराइच जिला उत्तरप्रदेश के 75 जिलों में से एक है| एक जमाने में यह जिला ऐतिहासिक अवध का हिस्सा हुआ करता था जो नानपारा तालुकदारी के अन्दर आता था, बहराइच की आबादी 3,478,257 है, भारत में आबादी के मामले में यह 90वां सबसे ज्यादा आबादी वाला जिला है। यह उत्तर प्रदेश का 34वां जिला है जिसे अति पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के तहत विशेष सहायता मिलती है, बहराइच की औसत साक्षरता दर मात्र 49.36% है जिसमे पुरुष साक्षरता दर 58.34% और महिला साक्षरता दर 39.18% है।
साल 2009 तक यह सीट सामान्य श्रेणी की थी लेकिन 2009 में हुए आमचुनावों में इस लोकसभा सीट को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया, बहराइच लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की पांच विधानसभा सीटें आती है, जिनके नाम हैं बलहा, महासी, नानपारा, बहराइच और मटेरा। 1952 में बहराइच में पहली बार लोकसभा चुनाव हुए थे, तब रफ़ी अहमद किदवई कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर बहराइच के पहले सांसद के रूप में निर्वाचित हुए थे।
1977 से 1989 तक अलग-अलग पार्टी के प्रत्याशियों ने लोकसभा में बहराइच का प्रतिनिधित्व किया , 1991 और 1996 के आमचुनाव में जीत हासिल कर बीजेपी 1998 में लगातार तीसरी जीत का सपना देख रही थी मगर बहुजन समाज पार्टी के आरिफ मोहम्मद खान ने जीत दर्ज करके उसका यह सपना तोड़ दिया लेकिन अगले ही साल 1999 में हुए आमचुनावों में भाजपा के पद्मसेन चौधरी ने आरिफ मोहम्मद खां से अपनी हार का बदला ले लिया था, साल 2004 में सपा ने बसपा और 2009 में बसपा ने सपा को हराकर इस सीट पर कब्ज़ा किया था लेकिन साल 2014 में यहां भाजपा ने कब्जा कर लिया।
सावित्री फूले ने पिछले 5 सालों के कार्यकाल के दौरान लोकसभा में अपनी उपस्थिति 72 प्रतिशत दर्ज कराई है और 37 डिबेट में हिस्सा लिया है और मात्र 19 प्रश्न पूछे हैं, जो कि किसी भी लिहाज से अच्छा रिकार्ड नहीं है। साल 2014 के चुनाव में सपा यहां दूसरे नंबर पर, बसपा तीसरे नंबर पर और कांग्रेस चौथे नंबर पर रही थी, साल 2014 में यहां पर 1638640 मतदाताओं ने हिस्सा लिया, जिसमें 53 प्रतिशत पुरुष और 46 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं। बहराइच में 65 प्रतिशत आबादी हिंदू और 33 प्रतिशत जनसंख्या मुस्लिम की है।