लोकसभा चुनाव 2019: अकोला लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की अकोला लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद भाजपा के शामाराव धोत्रे हैं। उन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के नेता पटेल हिदायत उल्ला को 20, 31, 16 मतों से पराजित किया था। उस साल संजय शामराव धोत्रे को यहां 45, 64, 72 वोट मिले थे और हिदायत उल्ला को मात्र 25, 33, 56 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। ताप्ती नदी घाटी क्षेत्र में स्थित अकोला एक वाणिज्यिक केन्द्र है। जहां मुख्यत: कपास का व्यापार होता है इसी कारण इसे 'कपास सिटी' भी कहा जाता है, अकोला एक महत्वपूर्ण शैक्षिक केंद्र भी है और यहां अमरावती विश्वविद्यालय से संबद्ध कई महाविद्यालय भी हैं, यहां की कुल आबादी 22 लाख 11 हजार 204 है, जिसमें से 65 प्रतिशत लोग गांवों में और 34 प्रतिशत लोग शहरों में निवास करते हैं।
अकोला लोकसभा सीट का इतिहास
6 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों वाले अकोला जिले में अकोट, बालापुर, अकोला पूर्व, अकोला पश्चिम, मूर्तिजापुर और वाशिम जिले के रिसोड विधानसभा क्षेत्र का समावेश है। यहां पहली बार आम चुनाव 1951 में हुआ था, जिसे की कांग्रेस ने जीता था और तब से लेकर 1984 तक यहां पर कांग्रेस का राज रहा है।इस दौरान गोपालराव खेडकर, एम.एस. हक और के.एम. असगर हुसैन यहां से निर्वाचित हुए थे। 71-72 के उपचुनाव में भी असगर हुसैन ही जीते थे। 5 वीं लोकसभा में भारतीय रिपब्लिकन पार्टी की ओर से पहली बार वसंत साठे चुने गए जिन्होंने बाद में 1977 में कांग्रेस के टिकट पर दोबारा जीत हासिल की थी। उनके बाद लगातार 2 बार कांग्रेस के मधुसूदन वैराले चुनाव जीते। साल 1989 के चुनाव में यहां पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की और पांडुरंग फुंडकर यहां से सांसद चुने गए और तब से लगातार तीन बार पांडुरंग फुंडकर भारतीय जनता पार्टी की ओर से संसद में अकोला का प्रतिनिधित्व करते रहे। बारहवीं लोकसभा के एक साल के उपचुनाव काल में एड. प्रकाश यशवंत आंबेडकर भारिप बहुजन महासभा की ओर से विजयी हुए और 1999 में भी वे कांग्रेस के समर्थन से चुनाव जीते, साल 2004 में भाजपा के संजय धोत्रे ने यहां बाजी मारी और तब से लेकर अब तक इस सीट पर भाजपा के संजय शामराव धोत्रे का ही राज है।
शामराव धोत्रे का लोकसभा में प्रदर्शन
दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में संजय शामराव धोत्रे की उपस्थिति 84 प्रतिशत रही है और इस दौरान उन्होंने 27 डिबेट में हिस्सा लिया है और 569 प्रश्न पूछे हैं। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर नंबर 2 पर कांग्रेस और नंबर 3 पर BBM थी, उस साल यहां कुल मतदाताओं की संख्या 16 लाख 46 हजार 463 थी, जिसमें से मात्र 9 लाख 78 हजार 491 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग किया था, जिसमें पुरुषों की संख्या 5 लाख 44 हजार 432 और महिलाओं की संख्या 4 लाख 34 हजार 59 थी।
कुणबी, मराठा, पाटील, माली इन जातीय समीकरणों के बीच मुस्लिम मतदाताओं की भूमिका भी अकोला में महत्वपूर्ण है, आपको बता दें कि अकोला में 61 प्रतिशत लोग हिंदू धर्म में और 19 प्रतिशत लोग इस्लाम धर्म में भरोसा रखते हैं। पिछले तीन बार से यहां के लोग बीजेपी का साथ देते आए हैं जबकि कांग्रेस यहां लंबे वक्त से जीत के लिए तरस रही है, क्या इस बार उसका सूखा यहां पर समाप्त होगा या एक बार फिर से यहां कमल खिलेगा, यह एक बड़ा सवाल है, जिसका जवाब चुनावी नतीजे देंगे।