लोकसभा चुनाव 2019- अकबरपुर लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की अकबरपुर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के नेता देवेन्द्र सिंह उर्फ़ भोले सिंह सांसद हैं। साल 2014 में ये सीट भाजपा ने बसपा को 278997 वोटों से हराकर हासिल की थी, ये जीत इसलिए खास थी क्योंकि अकबरपुर बसपा का गढ़ माना जाता है। वैसे अकबरपुर, कानपुर देहात जिले का मुख्यालय है, रामायण के अनुसार राजा दशरथ ने शिकार करते समय यहीं पर भूलवश श्रवण कुमार को तीर से मारा था, इसलिए यहां श्रवण धाम मंदिर हैं , जो कि आस्था का केंद्र है।
अकबरपुर की आबादी 111,594 है और यहां की साक्षरता दर 76.94% है, अकबरपुर टेरीकाट औऱ सूती कपड़े उद्योग के लिए भी जाना जाता है, जबकि यहां की आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि का काम करता है। अकबरपुर में उतरप्रदेश विधानसभा की पांच सीटें आती है जिनके नाम हैं, अकबरपुर रानिया, बिठूर, कल्याणपुर, महाराजापुर और घाटमपुर, जिनमें से घाटमपुर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।
अकबरपुर लोकसभा सीट पर 1962 में पहली बार आम चुनाव हुआ था उस वक़्त यह उतरप्रदेश की 27वीं लोकसभा सीट हुआ करती थी और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी, पहली बार हुए चुनावों में कांग्रेस के पन्ना लाल ने यहां जीत दर्ज की थी, 1967 के चुनावों में रिपब्लिक पार्टी ऑफ़ इंडिया ने कांग्रेस को यहां हराया था। 1998 में इस सीट से बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने भारी जीत दर्ज की थी, वो समाजवादी पार्टी के डॉक्टर लालता प्रसाद को हराकर इस सीट से पहली महिला सांसद के रूप में निर्वाचित हुई थीं, 2002 में हुए उपचुनावों में यह सीट सामान्य श्रेणी में आ गई, जहां से बसपा के त्रिभुवन दत्त विजयी हुए और इसके बाद साल 2004 में यह सीट एक बार फिर से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई और जिसके बाद मायावती फिर यहां से लोकसभा पहुंचीं लेकिन साल 2009 में ये सीट कांग्रेस के खाते में चली गई और साल 2014 में इस सीट पर भाजपा ने कब्जा किया और भारतीय जनता पार्टी के नेता देवेन्द्र सिंह उर्फ़ भोले सिंह यहां से एमपी बने।
आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के नेता देवेन्द्र सिंह उर्फ़ भोले सिंह ऊर्जा से जुड़े मामलों की स्थाई समिति के सदस्य भी हैं, पिछले पांच सालों के दौरान लोकसभा में इनकी उपस्थिति 90 प्रतिशत रही और इस दौरान इन्होंने केवल 64 डिबेट में हिस्सा लिया और 116 प्रश्न पूछे, साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर नंबर 2 पर बसपा, नंबर 3 पर सपा और नंबर 4 पर कांग्रेस थी, उस साल यहां पर 1768635 मतदाताओं ने हिस्सा लिया था, जिसमें 55 प्रतिशत पुरुष और 44 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं। यहाँ की 75% आबादी हिंदू और 23% आबादी मुस्लिम धर्म में आस्था रखती है।