प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का किया भूमि पूजन
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए प्रस्तावित संसद भवन की नींव रख दी है। उन्होंने आज नए भवन के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान भूमि पूजन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रोच्चार के बीच नए भवन के भूमि पूजन में हिस्सा लिया और तमाम परंपराओं का पालन करते हुए पूजा-अर्चना की। इस दौरन कुरान आयतों और अलग-अलग धर्म के रिवाजों का भी पालन किया गया। भूमि पूजन के दौरान सर्वधर्म प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया। बता दें कि नए संसद भवन के निर्माण कार्य को अभी शुरू नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने भूमि पूजन और पेपर वर्क करने की इजाजत दी है, लेकिन जबतक मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सकता है।
Recommended Video
नजमा हेपतुल्ला ने बताया ऐतिहासिक दिन
इस मौके पर पूर्व सांसद नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि पीएम की संसद में बहुत ही ज्यादा विश्वास है। पहली बार जब वह संसद आए थे तो उन्होंने संसद के बाहर माथा टेका था और संसद की महत्ता को बताया था, लिहाजा उनके द्वारा नए भवन का शिलान्यास बेहद खास है। नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि संसद में जो दरवाजे होते हैं, सेंट्रल हॉल में जाने का जो गेट है, उसे बंद करके ऑफिस बनाया गया था। हम गेट के अंदर बैठते थे क्योंकि कमरों की कमी थी, स्टैंडिंग कमेटी की बैठक के लिए कमरे नहीं थे। आजका दिन ऐतिहासिक दिन है। पीएम मोदी लोकतंत्र, संसद को बहुत मानते हैं, आजतक किसी ने संसद के दरवाजे पर माथा नहीं देका, लेकिन पीएम मोदी ने अपना माथा टेका। आज उनके हाथ से इसका शिलान्यास हुआ है, यह बहुत ही अहम दिन है।
971 करोड़ रुपए से तैयार होगा भवन
बता दें कि पुराने संसद भवन गोलाकार है, जबकि नया संसद भवन त्रिकोणाकार होगा। नई जरूरतों को ध्यान में रखते हुए संसद के नए भवन को बनाने का फैसला लिया गया है। संभावित है कि सुप्रीम कोर्ट की नई बिल्डिंग 2022 तक पूरा हो सकता है। इसके निर्माण में तकरीबन 971 करोड़ रुपए तक का खर्च आएगा। यह प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 20000 करोड़ रुपए का है।
मौजूदा
संसद
भवन
का
इतिहास
मौजूदा
संसद
भव
18
जनवरी
1927
को
हुआ
था,
इसे
छह
वर्ष
के
कार्यकाल
में
तैयार
किया
गया
था।
मौजूदा
सर्कुलर
बिल्डिंग
में
144
सैंडस्टोन
के
कॉलम
है,
जिसे
सर
एडवर्ड
लुटियंस
ने
डिजाइन
किया
था।
लुटियंस
ने
ही
हार्ट
ऑफ
दिल्ली
को
डिजाइन
किया
था।
पिछले
हफ्ते
सुप्रीम
कोर्ट
ने
नई
संसद
की
बिल्डिंग
के
निर्माण
को
लेकर
केंद्र
सरकार
को
फटकार
लगाई
थी
कि
जब
यह
मामला
सुप्रीम
कोर्ट
में
लंबित
है
तो
सरकार
इस
प्रोजेक्ट
में
इतनी
तेजी
क्यों
दिखा
रही
है।
कोर्ट
ने
कहा
था
कि
आप
आधारशिला
रख
सकते
हैं,
आप
पेपरवर्क
कर
सकते
हैं,
लेकिन
किसी
भी
तरह
का
निर्माण
या
तोड़फोड़,
पेड़ों
को
काटा
नहीं
जा
सकता
है।
बता
दें
कि
केंद्र
सरकार
का
विस्टा
प्रोजेक्ट
राजपथ
से
3
किलोमीटर
के
दायरे
में
होगा।
इसे भी पढ़ें- संसद की नई बिल्डिंग का शिलान्यास आज, जानिए इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें